#MNN@24X7 राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान ,मोहनपुर दरभंगा के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र संख्या- 300, मोहनपुर में “हर दिन, हर घर आयुर्वेद” कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया आयुष मंत्रालय भारत सरकार के दिशा-निर्देशन में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत हर दिन,हर घर आयुर्वेद को पूरे भारतवर्ष में मनाया जा रहा है। आयुर्वेद के प्रति जन जागरूकता फैलाने हेतु इस कार्यक्रम का आयोजन आंगनबाड़ी केंद्र पर किया गया। आयुर्वेद एक संपूर्ण जीवन विज्ञान है। आयुर्वेद में तीन उपस्तंभों में आहार का सविस्तार वर्णन किया गया है।

ग्रामीण बच्चों के बीच आहार के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारा शरीर आहार से ही संभव है। इसी से इसका पोषण होता है। शरीर के संतुलित विकास हेतु हमें संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। आज भी दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनों को संतुलित आहार के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी नहीं है। परिणाम स्वरूप बच्चें कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बच्चों से आहार के बारे में बात करते हुए यह कहा कि हमें हमेशा ताजा एवं गर्म भोजन करना चाहिए। डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए।

डॉ. राजेश्वर दुबे ने इस अवसर पर बोलते हुए यह कहा कि भारत के बच्चें ही हमारे देश के भविष्य हैं। इनके समुचित पोषण एवं विकास से ही हमारे देश का विकास संभव है। हर माता-पिता को अपने हाथों से निर्मित पोष्टिक आहार का सेवन बच्चों को कराना चाहिए।

डॉ दिनेश राम ने बच्चों में होने वाले क्रीमी जन्य रोगों के बारे में बताते हुए कहा की सफाई पर उचित रूप से ध्यान नहीं देने पर क्रीमिया के द्वारा संक्रमण बच्चों में आसानी से हो जाता है। माता पिता को भोज्यपदार्थ पदार्थों को अच्छी तरह से साफ करके ही पकाना चाहिए। समय-समय पर बच्चों के नाखून को काटते रहना चाहिए।

कार्यक्रम के आयोजक डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि आज के वर्तमान समय में बच्चों का पैकेट बंद खाद्य पदार्थों के प्रति ज्यादे रुचि बढ़ी है‌। इस कारण से उनमें पेट संबंधी विकार तेजी से बढ़ा है। माता- पिता के अज्ञानता एवं अभाव के कारण भी बच्चों को उचित पोषण युक्त भोजन नहीं मिल पा रहा है। हमें दैनिक भोज्यपदार्थ में हरी सब्जियों फल, दाल आदि का प्रयोग करना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य द्वारा बच्चों के बीच फल वितरित करते हुए यह संदेश दिया गया कि हमें डिब्बाबंद सामान का सेवन नहीं करना है। फल को भी खाना है। ग्रामीण बच्चों ने अपने हाथों में फल को लेकर एक साथ यह नारा लगाया की “हर दिन, हर घर आयुर्वेद”।

इस अवसर पर आंगनबाड़ी सेविका पूजा कुमारी एवं सहायिका पूजा कुमारी ने इस कार्यक्रम के लिए प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद की प्रशंसा करते हुए कहा कि हर दिन, हर घर आयुर्वेद कार्यक्रम से ग्रामीण महिलाओं को आयुर्वेद के बारे में जानकारी प्राप्त होकर,आरोग्य लाभ प्राप्त होगा। हमारा आयुर्वेद एक बार फिर से हमारे घर आंगन में हम सब के द्वारा अपना लिया जाएगा।