#MNN@24X7 दरभंगा, आज दिनांक 26 मई, को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा खाद्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में आधुनिक प्रवृत्ति एवं भविष्य की संभावनाएं विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह के द्वारा की गई सत्र का शुभारंभ कुलगीत बिहार गीत एवं स्वागत गान से किया गया। तत्पश्चात आगंतुक अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया एवं अतिथियों का स्वागत पाग एवं चादर से, विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शहनाज जमील विभागीय शिक्षकों डॉ आनंद मोहन मिश्रा डॉक्टर गजेंद्र प्रसाद डॉ ख्वाजा सलाउद्दीन डॉक्टर अंकित कुमार सिंह द्वारा किया गया।

अतिथियों द्वारा स्मारिका शोध सारांश संग्रह का विमोचन किया गया। माननीय कुलपति महोदय ने देश की बढ़ती जनसंख्या में व्याप्त कुपोषण को दूर करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा इस दिशा में चलाए जा रहे अभियानों को सामयिक एवं सार्थक बताया। सभी शिक्षकों, छात्र एवं कर्मचारियों से विश्वविद्यालय को और भी गौरवशाली बनाने का आह्वान किया।

उद्घाटन समारोह को प्रति कुलपति प्रोफेसर डाली सिन्हा, कुलसचिव प्रोफेसर मुस्ताक अहमद, विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर प्रेम मोहन मिश्रा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में अपने बीज भाषण में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रवि कुमार अस्थाना ने देश एवं दुनिया के समक्ष खाद्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा की वर्तमान स्थिति की विस्तार से समीक्षा की एवं अमृत अन्न उपजाने की दिशा में लोगों से आगे आने की अपील की। उन्होंने मिथिला विश्वविद्यालय के छात्रों को काशी हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा शोध कार्यों में मदद देने का आश्वासन दिया।

मुख्य अतिथि के रूप में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर नंदकिशोर साह ने देश में पिछली शताब्दी के छठे सातवें दशक में खाद्य संकट की चर्चा करते हुए यह कहा कि हरित क्रांति के बाद देश ने अन्न उत्पादन में मैं बहुत प्रगति की है जिसका मुख्य श्रेय प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एम. एस. स्वामीनाथन को जाता है। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष शहनाज जमील ने सम्मेलन के विषय वस्तु पर विचार प्रस्तुत किया एवं अतिथियों का स्वागत किया।

संगठन सचिव डॉ अंकित कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सम्मेलन के पहले पहले दिन 2 तकनीकी सत्र हुए प्रथम तकनिकी सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर सूर्य नारायण चौधरी एवं प्रोफेसर संध्या झा दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर जे कर्जा एवं प्रोफेसर शीला ने की डॉक्टर देवकांत ने रिपोर्टर का कार्य संभाला। दोनों तकनीकी सत्रों में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली की प्रोफ़ेसर प्रतिभा शर्मा नेपाल के श्री साकिब नवी श्रीलंका की जयमपति दिसानायके आईआईटी इंदौर के सह प्राध्यापक डॉ हेम चंद्र झा, डॉक्टर विद्यानाथ झा, डॉक्टर गोपाल जी गोपाल, डॉक्टर के के साहू साहू द्वारा व्याख्यान दिया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षकों एवं छात्रों ने भाग लिया।