सुविधा :दरभंगा और मधुबनी जिले के कई प्रखंडों को बाढ़ से सुरक्षा के साथ-साथ मिलेगा कुल 136 किलोमीटर से अधिक लंबा वैकल्पिक मार्ग।
जल संसाधन विभाग की योजना
पहले फेज में 325.10 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है दोनों तटबंधों के कुल 80 किमी लंबाई में उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं शीर्ष पर कालीकरण का कार्यदूसरे फेज में 296.89 करोड़ रुपये की लागत से होना है दोनों तटबंधों के कुल 56.20 किमी लंबाई में उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं शीर्ष पर कालीकरण का कार्य।
पहले फेज के कार्य से दरभंगा जिले के तारडीह और घनश्यामपुर प्रखंड तथा मधुबनी जिले के राजनगर, झंझारपुर, लखनौर, बाबूबरही, अंधराठाढ़ी और मधेपुर प्रखंड को होगा लाभ।
दूसरे फेज के कार्य से दरभंगा जिले के घनश्यामपुर, कीरतपुर एवं गौड़ाबौराम प्रखंड तथा मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड को बाढ़ से सुरक्षा के साथ-साथ मिलेगी यातायात सुगमता।
जल संसाधन मंत्री ने विभाग की योजना में कार्यरत श्रमिकों को गमछा ओढ़ा कर सम्मानित किया और मई दिवस की शुभकामनाएं दी।
#MNN24X7 दरभंगा, 1 मई, बिहार सरकार केजल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने सोमवार को दरभंगा जिले के तारडीह प्रखंड अंतर्गत ठेंगहा बांध पर आयोजित कार्यक्रम में कमला बलान बायां एवं दायां तटबंध के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं कालीकरण की योजना (फेज-1, पिपराघाट पुल से ठेंगहा पुल तक) के तहत बायां तटबंध के किमी 27.10 से किमी 66.30 तक और दायां तटबंध के किमी 23.20 से किमी 64.0 तक कालीकरण कार्य का नारियल फोड़ कर कार्यारंभ किया।
इस मौके पर उन्होंने खुद पेवर फिनिशर (Paver Finisher) चला कर सड़क निर्माण कार्य की शुरुआत की और कार्य को गुणवत्ता के साथ अगले दो महीने में पूरा कराने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने इस योजना में कार्यरत श्रमिकों को गमछा ओढ़ा कर सम्मानित किया और उन्हें मई दिवस की शुभकामनाएं दी। इस योजना से दरभंगा और मधुबनी जिले की बड़ी आबादी को बाढ़ से सुरक्षा के साथ-साथ यातायात के लिए वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा।
संजय कुमार झा ने बताया कि वर्ष 2019 में कमला नदी का तटबंध कई स्थानों पर टूट गया था। इसके बाद मिथिला को कमला नदी की बाढ़ से कारगर एवं दीर्घकालिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से जल संसाधन विभाग द्वारा आईआईटी रूड़की के विशेषज्ञों की टीम से पूरे इलाके का सर्वे कराया गया। टीम की रिपोर्ट और कमला नदी के उच्चतम जलस्तर के आंकड़ों का अध्ययन कर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की विस्तृत योजना तैयार की गई। इसमें नेपाल सीमा पर जयनगर में 405 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक कमला बराज का निर्माण हो रहा है, जबकि कमला नदी के दोनों तटबंधों के कुल 136 किलोमीटर से अधिक लंबाई में (दो फेज में, कुल 622.99 करोड़ रुपये की लागत से) उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं शीर्ष पर पक्कीकरण का कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कमला नदी की बाढ़ पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण के लिए जल संसाधन विभाग संकल्पित है।
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि योजना के पहले फेज में कमला नदी पर निर्मित पिपराघाट पुल (बायां तटबंध के किमी 27.10 और दायां तटबंध के किमी 23.20) से ठेंगहा पुल (बायां तटबंध के किमी 66.30 और दायां तटबंध के किमी 64.00) तक कुल 80.00 किमी लंबाई में उच्चीकरण एवं सुदृढीकरण एवं शीर्ष पर कालीकरण कराया जा रहा है, जिसकी कुल प्राक्कलित राशि 325.10 करोड़ रुपये है। पहले फेज के तहत उच्चीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य पूर्ण होने के उपरांत उन्होंने कालीकरण कार्य का कार्यारंभ किया और इस कार्य को अगले दो महीने में यानी मॉनसून से पहले पूरा करने के निर्देश दिये।
उन्होंने बताया कि योजना के पहले फेज से दरभंगा जिले के तारडीह एवं घनश्यामपुर प्रखंड के रहीटोल, मदनपुर, पोखरभिन्दा, गौहीचक, कैथवार, विशुनपुर, ककोदा, सुथरिया, देवना, कुम्हरौल, रसियारी, घनश्यामपुर, गौराबौराम, कोठराम इत्यादि गांवों और मधुबनी जिले के राजनगर, झंझारपुर, लखनौर, बाबूबरही, अंधराठाढ़ी और मधेपुर प्रखंड की कुल 12 लाख से अधिक आबादी को बाढ़ से स्थाई सुरक्षा के साथ-साथ यातायात के लिए एक वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा। इससे तटबंध के रास्ते बेनीपट्टी-मधुबनी-लौकहा पथ और दरभंगा-मधेपुर पथ को कनेक्टिविटी मिलेगी। साथ ही तटबंध के विभिन्न बिंदुओं से सतगरहा, रखवारी, झंझारपुर शहर इत्यादि को कनेक्टिविटी मिलेगी।
संजय कुमार झा ने बताया कि योजना के फेज-2 के तहत कमला बलान बायां तटबंध के किमी 66.30 (फटकी कुट्टी) से किमी 92.50 (पुनाच) तक और दायां तटबंध के किमी 64.00 (ठेंगहा) से किमी 94.00 (पलवा) तक कुल 56.20 किलोमीटर लंबाई में उच्चीकरण, सुदृढीकरण एवं शीर्ष पर कालीकरण कार्य की प्राक्कलित लागत राशि 296.89 करोड़ रुपये है। दूसरे फेज के कार्य से दरभंगा जिले के घनश्यामपुर, कीरतपुर एवं गौड़ाबौराम प्रखंड के ठेंगहा जयदेवपट्टी, कुम्हरौल, रसियारी, घनश्यामपुर, मनसारा, बाथ, गौराम, अस्तवारा इत्यादि गांवों और मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड के फटकी, भीठभगवानपुर, दलदल इत्यादि गांवों की कुल करीब 12 लाख आबादी को बाढ़ से दीर्घकालिक सुरक्षा के साथ-साथ यातायात सुगमता मिलेगी। इस तटबंध को दरभंगा-सकरी-निर्मली सेक्शन, दरभंगा-सकरी-झंझारपुर-लोकही सेक्शन, एनएच-57 एवं अन्य पक्का रोड के साथ-साथ पश्चिमी कोसी नहर प्रणाली से कनेक्टिविटी मिलेगी। दोनों तटबंधों पर सड़क बन जाने से बाढ़ अवधि में सुरक्षात्मक कार्यों के लिए जरूरी सामग्रियों के परिवहन में भी सुविधा होगी।