-लोगों की जागरूकता से ही खत्म होगा फाइलेरिया : डीभीबीडीसीओ
-लोगों को खिलाई जाएगी डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा

#MNN@24X7 मधुबनी, 8 मई । लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने और बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए सदर अस्पताल परिसर में डीभीबीडीसीओ डॉ.विनोद कुमार झा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करने और सरकार द्वारा चलाए जाने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई।

प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने बताया अभियान से पूर्व जिले से दो मास्टर ट्रेनर को राज्य मुख्यालय मे प्रशिक्षण दिया जाएगा. उसके बाद मास्टर ट्रेनर सभी ब्लॉक मे कर्मियों को प्रशिक्षण देंगे . प्रशिक्षण के बाद सभी प्रखंड मे दो स्थान का चायन किया जाएगा जिसमें प्रत्येक प्रखंड में एक फिक्स व दूसरा रैंडम साइट चुनाव किया जाएगा. प्रत्येक साइट से 300 स्लाइड (रक्त पट्ट संग्रह) कुल 600 सैंपल लिया जाएगा. इसी के आधार पर अभियान के लिए ब्लॉक का चुनाव किया जाएगा. ये सभी कार्य 30 जून तक खत्म करना है.वर्तमान मे जिले में फाइलेरिया के 1400 से अधिक मरीज है.

फाइलेरिया के प्रति जागरूकता जरूरी :

डब्लू एच ओ के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ दिलीप ने बताया फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर मुफ्त दवा खिलाएगी । लोगों को इस कार्यक्रम में भाग लेकर स्वयं और अपने परिवार को फाइलेरिया से सुरक्षित करना चाहिए।

जिले मे लोगों को खिलाई जाएगी डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा :

डब्ल्यूएचओ की जोनल एमडीए कार्यक्रम के उन्होंने बताया 02 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा सभी लोगों को दवा खिलाई जानी है ।

दवा इस प्रकार खिलाई जाएगी :

-खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है।
-दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खाना जरूरी है।
-अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाई जानी है।
-फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।
-सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।