भाजपा–आरएसएस की भेदभाव वाली विचारधारा के प्रति जनाक्रोश का प्रतिबिंब है जेएनयूएसयू चुनाव के परिणाम – मयंक कुमार।

#MNN@24X7 दरभंगा, 27 मार्च, विगत दिनों दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हुए छात्र संघ चुनाव में आइसा समेत यूनाइटेड लेफ्ट पैनल को बड़ी सफलता हाथ लगी है। आइसा के कॉमरेड धनंजय कुल 2,598 वोटों से अध्यक्ष पद पर विजयी घोषित हुए। इसके साथ ही चुनाव में एसएफआई, एआईएसएफ, बापसा ने भी वाम छात्र संगठनों के ऐतिहासिक प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए विभिन्न पदों पर सफलता पाई।

आइसा के बिहार राज्य उपाध्यक्ष मयंक कुमार ने जेएनयूएसयू चुनाव परिणाम पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि जेएनयूएसयू चुनाव पर पूरे देश की नजरें टिकीं होती हैं क्योंकि वहां से देशभर की छात्र राजनीति को दिशा मिलती रही है।

आज अध्यक्ष पद पर आइसा के कॉमरेड धनंजय की भारी जीत साबित करती है कि मनुवादी, सांप्रदायिक ताकतें देश के युवाओं को स्वीकार्य नहीं है। देश के युवा सच्चे लोकतांत्रिक समाज के आकांक्षी हैं। 2024 में केंद्र से भाजपा–आरएसएस की विचारधारा को अपदस्थ करके ही हम लोकतंत्र की उस शक्ति की रक्षा कर सकते हैं जिससे बिहार के एक सुदूर इलाके के कॉ. धनंजय जैसे दलित युवक भी देश के श्रेष्ठ संस्थानों में पढ़ सकें, भेदभाव और दमन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर सकें।

साफ तौर पर कहना चाहिए कि जेएनयूएसयू चुनाव के परिणाम भाजपा–आरएसएस की भेदभाव वाली विचारधारा के प्रति जनाक्रोश का प्रतिबिंब है।

आइसा जिलाध्यक्ष शम्स तबरेज़ ने कहा कि इस परिणाम से आगामी राजनीतिक परिवर्तन की आहट सुनी जा सकती है। एक स्वस्थ समाज के लिए भाजपा–आरएसएस हानिकारक है। जेएनयूएसयू चुनाव परिणाम परिवर्तन की गति को तीव्र करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए उद्घोष है।

मौके पर आइसा दरभंगा ने जेएनयूएसयू चुनाव के सभी विजयी उम्मीदवारों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।