पुस्तकों का दान सर्वोत्तम होता है, जिनसे आने वाली पीढ़ी दर पीढ़ी होती रहेंगी लाभान्वित- कुलपति।

#MNN@24X7 दरभंगा, मिथिला विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय की सभी व्यवस्थाएं उत्तम, छात्रोपयोगी एवं प्रशंसनीय- डा एके गुप्ता दरभंगा मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष तथा दरभंगा के प्रसिद्ध चिकित्सा डा ए के गुप्ता ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के केन्द्रीय पुस्तकालय को मेडिकल साइंस की 51 पुस्तकें दान की हैं, जो शोधार्थियों के लिए उपयोगी हैं।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने डॉ गुप्ता के पुस्तक- दान पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें आभार पत्र प्रदान किया। कुलपति ने कहा कि पुस्तकों का दान सर्वोत्तम होता है, जिनसे आने वाली पीढ़ी दर पीढ़ी लाभान्वित होती रहेंगी। इस निःशुल्क पुस्तक दान से शिक्षा क्षेत्र के अन्य व्यक्ति भी प्रेरित होंगे। प्रो दमन कुमार झा ने भी पुस्तकें स्वीकार कर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डॉ गुप्ता के प्रति आभार व्यक्त किया।

पुस्तक दाता डा गुप्ता ने केन्द्रीय पुस्तकालय के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो दमन कुमार झा तथा संस्कृत- प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया आदि के साथ केन्द्रीय पुस्तकालय के विभिन्न भागों में जाकर देखा तथा पूछताछ की। पुस्तकालय की अच्छी व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था बहुत कम संस्थानों में ही देखने को मिलती है।

उन्होंने कहा कि इस पुस्तकालय की व्यवस्था डीएमसीएच तथा कई एम्सों से भी बेहतर है। विशेष रूप से इ- पुस्तकालय, जिसमें छात्रों एवं शोधार्थियों के लिए बने 100 कंप्यूटर सेट एवं 200 छात्रों के बैठकर पढ़ने की व्यवस्था, ब्रेल पुस्तकालय, एंटी प्लेगिरिज्म, गांधी एवं अंबेडकर अध्ययन के लिए अलग व्यवस्था सराहनीय एवं अनुकरणीय है।

उन्होंने कहा कि दोपहर के समय में भी काफी संख्या में छात्रों एवं शोधार्थियों का पुस्तकालय आकर अध्ययन करना बेहतर भविष्य का संकेत है। छात्र- छात्राओं के लिए केन्द्रीय पुस्तकालय के रात्रि 8:00 बजे तक खुले रहने की जानकारी को सुखद अनुभूति बताते हुए उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त किया कि इस तरह की व्यवस्था मिथिला के इस विश्वविद्यालय में है।

डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि इससे पूर्व वे डीएमसीएच को मेडिकल साइंस की काफी संख्या में पुस्तकें दान स्वरूप दिए थे। साथ ही मिथिला विश्वविद्यालय के जरा विज्ञान एवं जरा चिकित्सा संस्थान को भी काफी संख्या में उपयोगी पुस्तक दिए थे, जब प्रोफेसर भावेश्वर सिंह इसके निदेशक थे।

पुस्तक दान कर काफी प्रसन्नता का अनुभव करते हुए उन्होंने भविष्य में भी और पुस्तक दान करने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय पुस्तकालय के लिए पुस्तकें स्वीकार करने के लिए कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह तथा केन्द्रीय पुस्तकालय के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो दमन कुमार झा के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया।

पुस्तक दान के उपरांत डॉ ए के गुप्ता ने केन्द्रीय पुस्तकालय के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो दमन कुमार झा तथा संस्कृत- प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया आदि ने विश्वविद्यालय मुख्यालय जाकर कुलपति तथा कुलसचिव आदि से भी भेंट की। इस अवसर पर आइक्यूएसी निर्देशक डा मो ज्या हैदर, लॉ ऑफिसर डा सोनी सिंह, परीक्षा नियंत्रक डा आनंद मोहन मिश्रा, उपनियंत्रक डा मनोज कुमार तथा कुलपति के निजी सचिव सैयद मो जमाल अशरफ आदि उपस्थित थे।