#MNN@24X7 जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में जल प्रबंधन की कोई सोची समझी योजना नहीं है, न ही कोई प्रयास इस ओर दिखाई देता है। ज़्यादतर जगहों पर किसान या तो बाढ़ से प्रभावित है या सूखे से प्रभावित है।
आज से 10-15 साल पहले जो पानी की कमी को पूरा करने के लिए नल-कूप या नहर की योजना बनी थी वहां भी रख रखाव के अभाव में वो समस्या फिर से उत्पन्न हो गई है। अगर आंकड़ों की बात करें तो बिहार एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां पिछले 10 सालों में सिंचित भूमि लगभग 11 प्रतिशत कम हो गई है। पदयात्रा के दौरान हमने देखा भी है कि जो नहरें हैं, वो सूख चुकी हैं। उसके बारे में लोग बताते हैं कि नहरों में पानी 10 साल पहले आता था अब नहीं आता है।