#MNN@24X7 जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के गोरौल में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आप लोगों ने अपने बच्चों को पेट काट-काट कर बड़ा किया है, वो 20-25 साल के होते ही भेड़, बकरी की तरह ट्रेन और बसों में लदकर मजदूरी के लिए चलें जाते हैं। आपने कोरोना के समय पर देखा, जिन मजदूरों को दूसरे राज्य से मार कर लोगों ने भाग दिया था उन्हीं मजदूरों को ट्रेन से, बस से, और हवाई जहाज का टिकट देकर वापस बुलाया गया।
उन्होंने कहा कि आप बिहार के लोगों ने कभी सोचा कि बिहार के मजदूरों को आखिर क्यों बुलाया गया? क्या तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्रा में मजदूर नहीं हैं? वहाँ भी मजदूर हैं लेकिन वहां के मजदूर 35 हजार रुपये महीना का लेता है और बिहार का गरीब लड़का जाकर 15 हजार रुपये में काम कर रहा है। तो कोई बिहार में फैक्टरी क्यों लगाएगा। जब सस्ते रेट पर मजदूर उसको उसके राज्य में मिल ही रहा है।