#MNN@24X7 लखनऊ।अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं।सपा सांसद बर्क ने हिजाब को लेकर विवादित बयान दिया है।हिजाब न होने से हालात बिगड़ते हैं और महिलाओं की आवारगी बढ़ती है। इसलिए हिजाब इस्लाम का मसला है और इसमें सरकार को दखल नहीं देना चाहिए और भाजपा माहौल बिगाड़ रही है।गुरुवार को संभल के दीपा सराय स्थित अपने आवास पर मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए बर्क ने कहा कि हिजाब से महिलाओं का पर्दा रहता है।

हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच के फैसले को लेकर सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिसने हिजाब के पक्ष में फैसला दिया है मैं उसको मानता हूं। बर्क ने कहा कि कर्नाटक सरकार इस पर भले ही हिजाब पर बैन लगा रही है,लेकिन यह हमारा मजहबी और इस्लाम का मामला है। इस्लाम कहता है कि हमारे बच्चों को पर्दे में रहना चाहिए।हिजाब बहुत सी बुराइयों से अलग कर देता है और यही बुराइयों से बचने का रास्ता भी है।

सपा सांसद बर्क ने कहा कि बेहिजाब होने से हर समय बहुत सी बुराइयां पैदा होती है और समाज के अंदर भी बिगाड़ पैदा होता है। सरकार अपने हिसाब से अपने कानून में कुछ भी करें, लेकिन मुसलमानों पर और इस्लाम के मानने वालों पर किसी तरह की पाबंदी न लगाए।इस मामले में आजाद छोड़ना चाहिए।बर्क ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि मेरी गुजारिश है कि अभी इस मामले पर रिकंसीडर करने की जरूरत है। और रिकंसीडर करने के लिए करने के लिए दोनों जज एक जगह बैठ कर राय करें कि दोनों में सही बात कौन सी है।

सपा सांसद बर्क ने कहा कि आरएसएस ने पहले ही देश का माहौल खराब किया हुआ है। हजरत मोहम्मद साहब पर की गई टिप्पणी को लेकर कहा कि भाजपा ने नूपुर शर्मा को पार्टी से ही निकाला उससे आगे कोई कार्रवाई नहीं की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। मुसलमानों पर यह जुल्म किया जा रहा है। अब हिजाब को लेकर विवाद शुरू कर दिया है।बर्क ने कहा कि सरकार रोजगार और अन्य मुद्दों पर काम करने के बजाए इस्लाम में दखल दे रही है।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आज गुरुवार हिजाब विवाद पर फैसला नहीं हो सका।दो जजों की बेंच ने इस मामले पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। इसके बाद इस केस को तीन जजों की पीठ में सुनवाई के लिए भेज दिया गया है। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने अपने फैसले में कर्नाटक सरकार द्वारा स्कूल-कॉलेजों में लगाए गए हिजाब बैन को सही ठहराया है।

वहीं कर्नाटक हिजाब मामले में यूपी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि कोर्ट के आदेश का सम्मान है।पकोर्ट के आदेश पर हम किसी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। स्कूलों में ड्रेस कोड निर्धारित है। स्टूडेंट वही ड्रेस पहन सकते हैं। न्यायालय का जो फैसला होगा वह सर्वमान्य होगा।

*कानून व्यवस्था नहीं बिगड़ने देंगे*

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि हिजाब मामले में न्यायालय का जो फैसला आया है उसका सम्मान है। प्रदेश में किसी भी हाल में कानून व्यवस्था नहीं बिगड़ने देंगे। उन्होंने कहा कि गुंडे माफिया अराजक तत्वों पर पूरी तरह से नकेल कसी जाएगी। सरकार की तरफ से पेशेवर अपराधियों पर नकेल कसी जा रही है।

जानें क्या है पूरा मामला।

आपको बताते चलें कि हिजाब विवाद की शुरुआत उडुपी के एक महिला कॉलेज से हुई थी,जहां कुछ छात्राओं को प्रिंसिपल और स्टाफ ने हिजाब पहनकर क्लास में जाने से रोका था। इसके बाद छात्राओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था।देखते ही देखते कर्नाटक के अन्य हिस्सों और देश के दूसरे राज्यों में भी हिजाब को लेकर विवाद शुरू हो गया था। कॉलेज प्रशासन का कहना था कि अचानक ही कुछ छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज आना शुरू किया था, जबकि उससे पहले इसे लेकर कोई विवाद नहीं थी।

(सौ स्वराज सवेरा)