वार्ड में अतिरिक्त 40 बेड लगाने से मरीजों को मिलेगी सुविधा

मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा प्रदान कराने के लिये उठाया गया कदम- अधीक्षक

#MNN@24X7 दरभंगा. डीएमसीएच में रविवार को मेडिसिन विभाग में इलाज कराने आये मरीजों के लिये जन सेवा वार्ड बनाया गया. इसमें 40 बेड लगाये गये हैं. परिसर स्थित एक बंद पड़े हॉल का उपयोग किया गया है. गांधी जयंती के मौके पर अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा ने इसका उद्घाटन किया. मेडिसिन वार्ड में मरीजों की तादाद निरंतर बढ़ रही हैं. इस कारण मरीजों के इलाज में परेशानी होती थी, लेकिन 40 बेड और लगाने से मरीजों को बेहतर सुविधा मिलेगी. इसके मद्देनजर अस्पताल प्रशासन की ओर से जनसेवा वार्ड की शुरुआत की गई है. इस वार्ड में वैसे मरीजों को भर्ती किया जाएगा, जिनको मेडिसिन वार्ड में बेड नहीं मिल पाता है.

बता दें कि मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण उनको बेड नहीं मिल पाता था. उनको मजबूरी में फर्श पर रखकर इलाज किया जाता था. इसमें मरीज व परिजनों को काफी समस्या होती थी. चिकित्सा प्रक्रिया में डॉक्टर व नर्सों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब अतिरिक्त बेड लग जाने से मरीजों को बेहतर तरीके से उपचार किया जा सकेगा. मौके पर उपाधीक्षक डॉ हरेन्द्र कुमार, रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ संजय झा, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ यूसी झा, हेल्थ मैनेजर कमल उपाध्यक्ष, विक्रम कुमार झा आदि मौजूद थे.

अब मेडिसिन वार्ड में हो गये दो सौ से अधिक बेड
अस्पताल प्रशासन के अनुसार मेडिसिन विभाग में सबसे अधिक मरीज पहुंचते हैं. मरीजों की संख्या में इजाफा होने पर उनको बेड नहीं मिल पाता था, लेकिन अब यह परेशानी दूर हो गयी है. विदित हो कि पहले मेडिसिन वन व टू मिलाकर 174 बेड थे. अब नया जनसेवा वार्ड शुरू करने से बेडों की संख्या 214 हो गयी है. इसमें 40 मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जायेगा. सभी बेडों पर पाइप लाइन की मदद से ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सकेगी. इससे सांस से संबंधित मरीजों को बेहतर उपचार मुहैया करायी जायेगी. नये वार्ड में अतिरिक्त बेड लगाने से विभाग में कुल बेडों की संख्या 214 हो गयी है.

बता दें कि डीएमसीएच में रोजाना उपचार के लिये 15 सौ से अधिक मरीज इलाज कराने के लिये पहुंचते हैँ. अधीक्षक डॉ एचएस मिश्रा ने कहा कि मरीजों के हित में यह फैसला लिया गया है. कहा कि अन्य वार्डों में भी बेड बढ़ाया जायेगा. इसमें ऑर्थो व गायनिक विभाग शामिल हैं, ताकि मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा दी जा सके.