#MNN@24X7 दरभंगा, दिनांक 24 /5/ 2023 को राष्ट्रीय जनता दल दरभंगा जिला इकाई का अंबेडकर परिचर्चा कार्यक्रम स्थानीय घनश्यामपुर में राजे यादव के अध्यक्षता में किरतपुर में पृथ्वीचंद यादव के अध्यक्षता में, सिंघबाडा में वसी अहमद के अध्यक्षता में तथा कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में झरीलाल सदाय के अध्यक्षता में आयोजित की गई। वहीं किरतपुर में परिचर्चा प्रभारी पीएचडी मंत्री ललित यादव, कुशेश्वरस्थान में पूर्व मंत्री श्याम रजक,घनश्यामपुर में पूर्व विधायक भोला यादव व सिंघवारा प्रखंड में पूर्व सांसद अनिल सहनी व पूर्व वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्धकी रहे।

इस अवसर पर अब्दुल बारी सिद्धकी ने “मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी है हम, वतन है हिंदुस्तान हमारा” को याद करते हुए कहा की अपने पुरखों की चर्चा करना अगर कहीं से गलत नहीं है तो, निश्चित रूप से हम सबको बाबा साहेब की चर्चा गांव-गांव में जाकर करनी चाहिए। केंद्र में बैठी सत्ता के हुक्मरान संसद में जाते हैं, तब संविधान का शपथ लेते हैं, वही दो तिहाई बहुमत होने पर संविधान बदलने की बात करते हैं। यह कहीं से भी न्याय उचित है क्या? पब्लिक को इसे समझना होगा।

पीएचडी मंत्री ललित यादव ने कहा की प्रायोजित ढंग से दलित पिछड़ों के जेहन से बाबा साहब को बाहर निकाल फेंकने की साजिश भाजपा और आरएसएस कर रही है। जन मसीहा लालू यादव के रहते यह कदापि संभव नहीं हो सकता है।

पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा की आजादी के पूर्व वर्ण व्यवस्था चरम पर थी जिसमें अगरे और पिछडे थे सत्ता और शासन में अगरों की आजादी थी। पिछड़े, दलित को न शिक्षा की आजादी थी, ना शासन में रहने की आजादी थी, ना अपनी आवाज उठाने की आजादी थी और ना ही अन्याय के विरुद्ध आंदोलन की आजादी थी। भाजपा की सरकार वही सामंती व्यवस्था फिर से लागू करना चाहती है।

कार्यक्रम संयोजक जिला अध्यक्ष उदय शंकर यादव ने परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा की बाबा साहब की परिचर्चा से लोगों में काफी जागरुकता आई है। आगामी 15 जून से गांव, मोहल्ला, टोल, कस्बों में भी अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। अंबेडकर परिचर्चा से जन जागरूकता में बल मिल रही है। प्रथम व तत्कालीन कानून मंत्री अंबेडकर ने अपने समय में यातनाएं सहकर हिंदुस्तान के बहुजनो को मनुवादियों के कैद से आजाद कराया। लेकिन आजादी के उपरांत दलित पिछड़ों को मानसिक गुलामी से आजाद हिन्दुस्तान के सर्वमान्य नेता लालू प्रसाद यादव ने कराया। समय-समय पर दलित वंचितों को लोकसभा (भगवतीया देवी) विधानसभा, विधानपार्षद (मुन्नी रजक) भेज कर, ना केवल कीर्तिमान स्थापित किया। बल्कि दलितों को ऊपर उठाने बड़ा मौका दिया।

इस अवसर पर भोला यादव ने कहा जब-जब दलित पिछड़ों के ऊपर भाजपा साजिश करती है तब-तब लालू यादव बहुतजनों के पक्ष में चट्टान की तरह खड़े हो जाते हैं। लालू प्रसाद यादव ने दलितों को ना केवल आवाज दिया, बल्कि सत्ता में भी उनकी भागीदारी सुनिश्चित की। हमारे दलित भाइयों को, युवाओं को, नौजवानों को, अंबेडकर और लालू यादव के कार्यों की परिचर्चा अपने घरों में भी करनी चाहिए तभी जाकर हमें पूर्ण स्वराज्य मिल सकेगा।

पूर्व सांसद अनिल सहनी ने कहा कि अगर संविधान नहीं होता तो मेरे जैसे अति पिछड़ा का बेटा लोकसभा और विधानसभा का सदस्य नहीं होता। जिस प्रकार से संविधान को खतरे में देखकर नेता लालू प्रसाद यादव ने अंबेडकर परिचर्चा कराने का मुहिम चलाया है। निश्चित रूप से उसको जन-जन तक पहुंचाने का हमारा संकल्प है।

पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा ने कहा की निश्चित रूप से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने जिस तरह से मनुस्मृति को आग लगा दी थी,उन सभी व्यवस्था को आग लगा देने की जरूरत है जो समाज में विभेद पैदा करती है। समाज को बांटने की कोशिश करती है। मौके पर राजद शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कुमार राय सुनीति रंजन दास, राजद शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता मोहन यादव, प्रेमचंद, रूप, गोलू यादव, सचिन राम आदि ने भी संबोधित किया।