#MNN@24X7 उजियारपुर, 13 मई, लोभ, अध्यात्मबोध सत्संग समारोह आज दूसरे दिन भी डढिया असाधर वार्ड नंबर 06 में जारी है। खगड़िया, वैशाली एवं पूर्णिया के आलवे समस्तीपुर जिला सहित उजियार पुर प्रखंड के विभिन्न पन्चायतो से सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष कबीरपंथी एक दूसरे को साहेब बन्दगी करते एवं चरणस्पर्श कर आशीर्वाद लेते रहे। कार्य क्रम स्थल पर भव्य पन्डाल और बङे मन्चो पर तपती गर्मी से बेखबर होकर कीर्तन, भजन एवं सन्तो का प्रवचन जारी रहा।

दूसरे दिन महान सन्त रामा शन्कर साहेब ने प्रवचन करते हुए कहा कि सम्पूर्ण सन्सार लोभ, लालच, तॄष्णा एवं अहंकार की आग में जल रहा है। सारी सॄष्टि ही दरिद्र है। उन्होंने कहा कि कबीर दास कहते हैं जिसने प्रेम का रस नहीं चखा और चख कर उसका स्वाद नहीं लिया वह सूना घर का मेहमान है, आया और चला गया। कबीर दास जी कहते हैं कन्चन और कामिनी मनुष्य को माया के जाल में फसाये रहता है, जो इनको छोड़ देता है उसका उद्धार हो जाता है।

उन्होंने कहा कि कबीर महान समाज सुधारक माने जाते हैं इन्होंने धर्म के नाम पर लोगों द्वारा फैलाई गई कुरीतियां, अन्धविश्वास, पाखंडवाद पर भी जमकर व्यन्ग किया है। इनके महत्वपूर्ण रचनाएँ एवं दोहे आज भी प्रासंगिक और लोकप्रिय है।

गुरु गोविन्द दोऊ खङे, काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने, जिन गोविंद दिया बताय।

पतिवरता मैली भलि, काली कुचली, कुरूप।
पतिवरता की रूप पर, बारो कोटि स्वरूप।

कबीर दास के प्रमुख ग्रन्थ बीजक है और इसके आलावे अनुराग सागर,साखी ग्रंथ, शब्दाबलि, कबीर ग्रथाबलि प्रमुख रचनाओं में है।

प्रवचनकर्ता में सन्त अरबिन्द साहेब, साध्वी राधा दास सन्त मिथिलेश दास के आलवे अन्य सन्तो का प्रवचन जारी है। इस अवसर पर मुख्य रूप से अध्यक्ष शिव नन्दन राय, महावीर पोद्दार, राम बलि दास, अवधेश दास, चन्द्रशेखर राय, महेन्द्र दास, योगेन्द्र राय, उमेश राय, राम जी सदा, नागेश्वर राम, देवो राय, सकल दीप राय के आलावे सैकड़ों की संख्या महिला पुरुष मौजूद थे।