बिहार सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से राशि प्राप्त कर सभी छात्र- छात्राएं पूरी करें अपनी उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई- डा चौरसिया।

कार्यक्रम में डॉ विनयनाथ, डा चौरसिया, डा अनुरंजन, डा ममता, डा मोना, राजेश रंजन तथा मंजीत आदि ने रखें महत्वपूर्ण विचार।

बिहार सरकार की सात निश्चय योजनाओं में एक ‘आर्थिक हल- युवाओं को बल’ की जानकारी छात्र अपने साथियों को भी दें- राजेश रंजन।

#MNN@24X7 दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में विकसित बिहार के सात निश्चय योजनाओं में छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की विस्तृत जानकारी छात्र- छात्राओं को दी गई। प्रभारी विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, दरभंगा के सहायक प्रबंधक राजेश कुमार रंजन, मुख्य अतिथि के रूप में भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो विनयनाथ झा, विशिष्ट अतिथि के रूप में भूगोल के प्राध्यापक डा अनुरंजन, विभागीय प्राध्यापिका डा ममता स्नेही एवं डा मोना शर्मा, संजय कुमार, विकास कुमार गिरी तथा मंजीत कुमार चौधरी आदि ने संबोधित किया। वहीं मंजू अकेला, विद्यासागर भारती, उदय कुमार उदेश, योगेन्द्र पासवान, सदानंद विश्वास, सोनाली मंडल, नजमा हसन, अतुल कुमार झा, विकास कुमार यादव, चिंटू कुमार, सौरभ कुमार, अरविंद कुमार, कृष्ण कुमार पासवान, मनोरंजन कुमार गिरी, मोनिका चौधरी, मो रिजवान, सुधा कुमारी, जया झा, अभिषेक कुमार तथा विवेक कुमार आदि सहित 50 से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे, जिन्हें विशेषज्ञों द्वारा बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लाभों से अवगत कराया गया।

प्रो विनयनाथ झा ने कहा कि गरीब एवं जरूरतमंद युवाओं के लिए बिहार सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना में छात्रों की आवश्यकतानुसार न्यूनतम इंटरेस्ट पर ऋण स्वरूप राशि दी जाती है। डॉ अनुरंजन ने कहा कि आज की पढ़ाई महंगी हो गई है, परंतु छात्र इस योजना का अधिकतम लाभ उठाकर उच्च शिक्षा को प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्य वक्ता राजेश कुमार रंजन ने कहा कि बिहार सरकार की सात निश्चय योजनाओं में एक बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत”आर्थिक हल- युवाओं को बल” के लाभों से छात्र स्वयं अवगत होकर अपने साथियों को भी अधिक से अधिक जानकारी दें, ताकि कोई भी योग्य छात्र आर्थिक कठिनाई के कारण अपनी पढ़ाई पूरी करने से वंचित न रह सके। उन्होंने बताया कि बिहार के किसी भी जाति, धर्म, क्षेत्र अथवा आर्थिक स्थिति के मूल छात्र मान्यता प्राप्त भारत के किसी भी क्षेत्र के संस्थानों में यदि अध्ययन कर रहे हैं तो वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना के तहत छात्रों को कॉलेज फीस के साथ ही हॉस्टल के लिए अधिकतम 3 हजार रुपए प्रति माह, पुस्तक खरीद के लिए वार्षिक 10 हजार रुपए तथा लैपटॉप के लिए 35 हजार रुपए आदि दिए जाते हैं।

उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम के लिए आवेदक की अवस्था 25 वर्ष तथा स्नातकोत्तर के लिए 30 वर्ष से अधिक न हो। इच्छुक छात्र टोल फ्री नंबर 18003 456 444 अथवा ऑफिशियल वेबसाइट www.7nishchay_yuvaupmissin.bihar.gov.in/ पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अध्यक्षीय संबोधन में डा आर एन चौरसिया ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत बिहार राज्य के 12वीं पास छात्र- छात्राओं को उच्च तथा तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिकतम 4 लाख रुपए का लोन प्रदान किया जाता है जो 42 कोर्सों के लिए मान्य है। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा 2 अक्टूबर, 2016 को किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य बिहार के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है। जागरूकता के कारण अब इस योजना का बिहार के अधिकांश छात्र लाभ उठा रहे हैं। इस शिक्षा ऋण पर छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के 1 वर्ष बाद मात्र 4% तथा छात्राओं एवं दिव्यांगों को मात्र 1% साधारण ब्याज लगता है। 2 लाख तक के ऋण की वापसी 60 तथा उसके ऊपर के ऋण की वापसी 84 आसान किस्तों में करनी होती है।

आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए डा ममता स्नेही ने कहा कि संस्कृत के छात्र प्रायः गरीब होते हैं। उनके लिए यह योजना अधिक लाभदायक है। इससे उनके माता- पिता पर पढ़ाई का आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। वहीं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डा मोना शर्मा ने कहा कि गरीब एवं जरूरतमंद छात्र सरकार की इस योजना का लाभ उठाते हुए अपने सपनों को पंख देकर जीवन को सफल बना सकते हैं। सरकार की इस योजना के कारण अब गरीबी के कारण कोई भी इच्छुक छात्र उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रह सकता। डीआरसीसी, दरभंगा के संजय कुमार ने कार्यक्रम में विशेष सहयोग किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन मंजीत कुमार चौधरी ने किया।