#MNN@24X7 जिरादेई / दरौली / मैरवा, सिवान। जन सुराज पदयात्रा के 141वें दिन की शुरुआत सिवान के जिरादेई पंचायत स्थित धज्जू सिंह उच्च विद्यालय में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ जिरादेई से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा जामापुर, चंदौली गंगौली, मझवालिया, सरहरवा, सेमारा होते हुए मैरवा प्रखंड अंतर्गत इंग्लिश पंचायत के कोलूहा दरगाह स्थित जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची।
प्रशांत किशोर की पदयात्रा का सिवान में आज 14वां दिन है। वे जिले में 15 से 20 दिन और रुकेंगे और इस दौरान वे अलग-अलग गांवों और प्रखंडों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जायेंगे। उनकी समस्याओं को समझ कर उनका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 4 आमसभाओं को संबोधित करेंगे और 7 पंचायत के 14 गांवों से गुजरते हुए 18 किमी की पदयात्रा की।
लालू जी और मांझी जी को अपने लड़के की चिंता, लेकिन आपको अपने लड़के की कोई चिंता ही नहीं: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान के जिरादेई प्रखंड अंतर्गत चंदौली गंगौली पंचायत में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता हमको बता रही है कि यहां नेता जाति की राजनीती कर रहे है, इस बात का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि कोई नेता जाति की राजनीति नहीं कर रहा है। अगर नेता जाति की राजनीति करते तो आज लालू जी कहते की बिहार का नेता कोई यादव समाज का होगा, लेकिन लालू जी का कहना है कि हमारा लड़का बिहार का नेता होगा। आप सभी यादव समाज के लोग हमे वोट करें। तो ये जाति की राजनीती नहीं ये परिवार के स्वार्थ की राजनीती है। जाति की राजनीति में लालू जी अकेले नहीं है, मांझी जी का भी यही हाल है कि हम और हमारा बेटा। नेता तो अपने बच्चों की चिंता कर रहे है, और जनता जाति–धर्म में उलझी हुई है। यही कारण है कि आज बिहार की जनता इस दुर्दशा में है। अपने और अपने बच्चों की चिंता कीजिए तब जाकर बिहार में सुधार देखने को मिलेगा। राष्ट्रवाद और धर्म के नाम पर वोट देना बंद कीजिए।
12-14 हजार के लिए बिहार के लड़के राज्य से बाहर जाकर मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं, इसी व्यवस्था को बदलने के लिए पदयात्रा कर रहे हैं: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार का झंडा लेकर चलने से आपका हाल नहीं बदलेगा। यदि आप अपने बच्चों की चिंता नही करेंगे तो कोई भी आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा। जिस बदहाली और गरीबी में आपका जीवन बीता है उसी गरीबी और बदहाली में आपके बच्चों का भी जीवन बीतेगा। क्योकि यहाँ जो भी लोग बैठे हैं, उनमें से कोई भी परिवार ऐसा नहीं है जिसके घर से एक भी युवा बाहर मजदूरी करने नहीं गया हो। हम बाइक, ट्रक देखते हैं, ये कहां बनता है ये बनता है हरियाणा में, गुजरात में, हम घर बनाते है उसके लिए सीमेंट लगता है वो कहां बनता है, ये बनता उत्तर प्रदेश, झारखंड में, हम टीवी, मोबाइल देखते है ये भी बिहार में नहीं बनता है। हम बिहार में क्या बनाते हैं? हम बिहार में बच्चा पैदा करते हैं, उनको जवान करते हैं और मजदूर बना कर दूसरे राज्य में भेज देते हैं। जिस बच्चे को हम अपना पेट काट कर पालते है उसको 12- 14 हजार के लिए दूसरे राज्य में भेज देते है वो जवान लड़का भी दिन रात मेहनत करता है ताकि पैसा बचा कर घर भेज सके। लेकिन आप वोट देते हैं कि सब वोट दे रहे हैं तो हम भी वोट दे दिए। यही समझाने के लिए आए हैं कि, अपने बच्चों के जीवन को बर्बाद होने से बचा लीजिए।