स्थापना दिवस समारोह के समापन में संदीप विश्वविद्यालय के कुलपति सह पूर्ववर्ती छात्र समीर कुमार वर्मा ने कहा,
‘सीएम साइंस कॉलेज को अभी मीलों दूर जाना है’
ऐतिहासिक कामेश्वर भवन में देर रात तक बहती रही विचार, साहित्य, गीत एवं नृत्य की लहरियां
#MNN@24X7 दरभंगा, अपनी स्थापना के शताब्दी वर्ष की ओर तेजी से बढ़ रहे सीएम साइंस कॉलेज में गौरवशाली परंपरा और साइंस एजुकेशन के प्रगति के प्रति समर्पण भाव का कायम होना काबिले तारीफ है। इससे हम जैसे पूर्वर्ती छात्रों में एक अलग तरह के ऊर्जा का संचार होता है। इस महाविद्यालय को कामयाबी की रहा में अभी मीलों दूर जाना है। यह बात संदीप विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ समीर कुमार वर्मा ने शनिवार की देर शाम सीएम साइंस कॉलेज की स्थापना के 85वें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के समापन अवसर पर अपना उद्गार व्यक्त करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि वह वर्ष 1968 से 72 तक यहां भौतिकी प्रतिष्ठा के छात्र थे। उस समय एक छात्र के रूप में उन्होंने जो टीचिंग लर्निंग तकनीक यहां सीखी, वह आज भी उनकी कामयाबी की मुख्य पूंजी बनी हुई है। उन्होंने महाविद्यालय में बिताए अतीत के पन्नों को याद करते हुए आने वाली पीढ़ी के लिए कोचिंग की शॉर्टकट राह को छोड़कर स्वयं के समग्र विकास के लिए क्लासरूम टीचिंग पद्धति को अपनाने की महत्वपूर्ण सलाह दी।
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो मुस्ताक अहमद ने कहा कि मौजूदा समाज आज उस घिनौने दौर से गुजर रहा है जब हंसने के लिए भी परिवार और समाज की बजाय टीवी देखने की अधिक जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस मनाने का उद्देश्य निश्चित रूप से अतीत के मूल्यांकन के साथ भविष्य की योजनाओं का निर्धारण होना चाहिए।
अपने संबोधन में उन्होंने महाविद्यालय के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए छात्रों को आगाह किया कि नकारात्मक सोच में कभी भी सरस्वती का वास नहीं हो सकता। मानव को मानव बनाए रखने के लिए क्लासरूम टीचिंग के महत्व को आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जेफरी हिंटर ने भी स्वीकार किया है, जिसने गूगल की गिरफ्त में जानकारी की दुनिया को विनाशकारी बताते हुए गूगल से अभी हाल ही में अपना इस्तीफा दे दिया है।
महाविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र रहे लनामिवि के वरीय सिंडिकेट सदस्य डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने महाविद्यालय में बिताए स्वर्णिम क्षणों को याद करते हुए महाविद्यालय की गौरवशाली विकास की गाथा में स्व गुलाम रसूल, पं गंगाधर मिश्र, अधिवक्ता नागेश्वर प्रसाद, बृज मोहन प्रसाद, डॉ कासिम हुसैन, डॉ एलके मिश्र, डॉ डीके झा, बाबू चंद्रधारी सिंह, महाराज कामेश्वर सिंह, बरोलिया परिवार, पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, सत्यनारायण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री ललित नारायण मिश्र, पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ नागेंद्र झा एवं डॉ लोकेश नाथ झा, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पं राधानंदन झा, पूर्व विधान पार्षद डॉ नीलाम्बर चौधरी आदि की महत्वपूर्ण भूमिकाओं को रेखांकित करते हुए उन्हें भावपूर्ण स्मरणांजलि दी।
उन्होंने कहा कि सीएम साइंस कॉलेज का गौरवशाली इतिहास न सिर्फ मिथिला की अस्मिता से जुड़ा हुआ है, बल्कि यहां से पढ़कर निकलने वाले छात्रों ने अपनी पहुंच विश्वव्यापी बनाने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने महाविद्यालय प्रशासन से कॉलेज की स्थापना के शताब्दी वर्ष से पूर्व यहां पढ़ने वाले छात्रों एवं पढ़ाने वाले शिक्षकों की एक डायरेक्टरी तैयार करने की सलाह दी। मौके पर महाविद्यालय छात्र संघ के पूर्व महासचिव उत्सव पराशर ने भी अपने विचार रखे।
प्रधानाचार्य प्रो दिलीप कुमार चौधरी ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालय में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए धन्यवाद देते हुए उनका ध्यान इस ओर खींचा कि गुणवत्ता पूर्ण पढ़ाई के मामले में चाहे यह महाविद्यालय नम्बर वन हो, लेकिन सिंगल फैकल्टी कॉलेज होने के कारण इसकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। उन्होंने मंचासीन कुलसचिव के समक्ष महाविद्यालय परिवार की ओर से विश्वविद्यालय से भावनात्मक सहयोग की अपेक्षा रखी।
इससे पहले दिन भर चली विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल स्थान पाने वाले प्रतिभागियों के बीच प्रमाण पत्र एवं पारितोषिक वितरण किया गया। क्विज प्रतियोगिता में पहला स्थान स्नातक तृतीय खंड के कमलेश कुमार को, दूसरा स्थान इसी कक्षा के अभिनीत कुमार को और तीसरा स्थान स्नातक द्वितीय खंड के आमोद कुमार को मिला।
कहानी लेखन में क्रमश: आयशा सिद्दिकी, साक्षी प्रिया एवं श्रुति साक्षी, निबंध लेखन में इशिता सारागुप्ता, शिल्पी कुमारी एवं प्रेरणा, कविता लेखन में मेहर फातिमा, नीतीश कुमार एवं रिद्धि ठाकुर, मेंटल मैथमेटिक्स में सौरभ कुमार, प्रभात कुमार एवं सैयद वसीम अहमद, रंगोली में प्रीति कुमारी, शिवानी कुमारी एवं लक्ष्मी कुमारी और मेहंदी कला प्रतियोगिता में मेधा कुमारी, आयशा सिद्दीकी एवं अनु कुमारी क्रमशः प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान के लिए पुरस्कृत किए गए।
मौके पर छात्र-छात्राओं ने भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों ने काफी सराहा। धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के बर्सर डॉ यूके दास ने किया।