रक्तदान पीड़ित मानवता की सेवा का सर्वोत्तम जनकल्याण कार्य, जिससे 3- 4 मरणासन्न व्यक्तियों की जिंदगी बचाना संभव- डा चौरसिया।
सबसे बड़ा दान रक्तदान करना आसान एवं महत्वपूर्ण, जिस हेतु डरने की जरूरत नहीं आगे आने की जरूरत- एमके नाजिर।
#MNN@24X7 दरभंगा। सोसायटी फर्स्ट एजुकेशन एंड सोशल फाऊंडेशन, दरभंगा तथा ब्लड डोनेशन इंसानियत के लिए के तत्वावधान में अतिहर, दरभंगा के पंचायत भवन में “रक्तदान जागरूकता रैली एवं संगोष्ठी” का आयोजन किया गया। ब्लड डोनेशन इंसानियत के लिए के अध्यक्ष अब्दुल मालिक की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मिथिला विश्वविद्यालय के प्रेस एवं मीडिया इंचार्ज डा आर एन चौरसिया, मुख्य वक्ता के रूप में दरभंगा भवन निर्माण विभाग के इंजीनियर एम के नासिर, सोसाइटी फर्स्ट के अध्यक्ष नजिरुल होदा, सदस्य प्रभात कुमार झा, पुरा के आस्थानंद यादव, वार्ड पार्षद सागर झा, छात्र नितेश कुमार मिश्र, ग्रामीण रेहान अंसारी, दीपेश कुमार राम, नीतीश कुमार झा, सत्यनारायण, जयकांत मंडल, डा ललन, सोहराब कैफी आजाद, तबरेज आलम, सनाउल्लाह, गुलाब कुमार मंडल, दीपेश कुमार, अजय कुमार झा, राकेश कुमार मंडल, गुलाब सहित अतिहर पंचायत के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में डा आर एन चौरसिया ने कहा कि रक्तदान महादान एवं जीवनदान सदृश्य है, क्योंकि हमारे रक्तदान करने से कई मरणासन्न व्यक्तियों की जिंदगी बच सकती है। रक्तदान का महत्व हमें तब ज्ञात होता है, जब हमारे कोई अपने खून के लिए जीवन और मरण के बीच जूझते रहते हैं और हम रक्त के लिए परेशान होते हैं। उन्होंने कहा कि रक्तदान पीड़ित मानवता की सेवा का सर्वोत्तम जनकल्याण कार्य है। एक यूनिट रक्तदान से तीन से चार व्यक्तियों की जिंदगी बचाई जा सकती है।
डा चौरसिया ने बताया कि नियमित स्वैच्छिक रक्तदान से कैंसर सहित अनेक रोगों का खतरा कम हो जाता है। रक्तदान से हमारे शरीर का वजन, ब्लड प्रेशर, हिमोग्लोबिन, मलेरिया, एचआईवी/ एड्स, हेपेटाइटिस बी व सी आदि की नि:शुल्क जांच हो जाती है।
एन के नाजिर ने कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा दान है जो आसान एवं महत्वपूर्ण है, जिस हेतु डरने की नहीं, बल्कि आगे आने की जरूरत है। अभी भारत में मात्र 10% लोग ही रक्तदान के प्रति जागरूक हैं। रक्तदान से हार्ट अटैक, डायबिटीज, मोटापा, चर्म रोग आदि का खतरा भी कम हो जाता है। रक्तदान जाति, धर्म, वर्ग व क्षेत्र से ऊपर उठकर बड़ी समाजसेवा है।
प्रभात कुमार झा ने कहा कि भारत में प्रतिदिन 12000 लोग रक्त की कमी से मर जाते हैं। मानव रक्त का कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि पशु- पक्षियों के रक्त नहीं चढ़ए जा सकते हैं। जहां भारत में 150000 यूनिट रक्त की जरूरत है, वहीं मात्र 110000 यूनिट रक्त ही मिल पाते हैं।
अध्यक्षीय संबोधन में अब्दुल मालिक ने कहा कि रक्तदान की खुशी अकल्पनीय होती है। इससे किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती है। रक्तदान करने हेतु नए लोग भी आगे आये। उन्होंने लोगों से आयुष्मान भारत का कार्ड बनाने का आह्वान किया, ताकि उन्हें पांच लाख रुपए तक के निःशुल्क इलाज में भारत सरकार मदद कर सके।
इस अवसर पर सोसाइटी फर्स्ट के अध्यक्ष नजिरुल होदा तथा सदस्य प्रभात कुमार झा के नेतृत्व में रक्तदान जागरूकता रैली का भी आयोजन किया गया, जिसमें “रक्तदान करें- जीवन बचाएं”, “रक्तदान- जीवनदान”, “रक्तदान- महादान”, “जन-जन को जगाना है- रक्तदान कराना है”, “पीड़ित मानवता करे पुकार- रक्तदान कर करें उपचार” आदि प्रेरक नारे लगाए गए। रैली में लोग अतिहर पंचायत के विभिन्न टोलों- मोहल्लों में जाकर लोगों से संपर्क कर रक्तदान के प्रति जागरूक किया।