सी एम कॉलेज, दरभंगा में द्विदिवसीय योग प्रतिस्पर्धा प्रतियोगिता का समापन समारोह संपन्न हुआ।
अंतर महाविद्यालय योग प्रतियोगिता के पुरुष वर्ग में अमित कुमार मिश्रा एवं महिला वर्ग में शिवानी कुमारी को प्रथम स्थान।
योग प्रतिस्पर्धा अच्छे प्रयास करने की प्रेरणा एवं असफल प्रतियोगियों के लिए गलती सुधारने का अवसर: प्रधानाचार्य, सी एम कॉलेज।
#MNN@24X7 आज सी एम कॉलेज दरभंगा में द्विदिवसीय योग प्रतिस्पर्धा प्रतियोगिता कार्यक्रम का समापन एवं सम्मान समारोह संपन्न हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के माननीया प्रति-कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा की उपस्थिति रही। प्रति- कुलपति महोदया ने खेल के सफल आयोजन के लिए प्रधानाचार्य एवं संस्था को बधाई संदेश देते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता निराश छात्र-छात्राओं को पुनः आशावादी बना देता है। योग विद्या को एक विधा के रूप में खेल कैलेंडर में शामिल किया गया है जिससे विश्वविद्यालय में अध्ययनरत लगभग पाँच लाख विद्यार्थियों के लिए योग के क्षेत्र में रोजगार में भी अवसर प्राप्त होंगे।
प्रतिभागियों की कम उपस्थिति को उन्होंने निराशाजनक बताया लेकिन इस आशा के साथ आगामी वर्ष में प्रतिभागियों की संख्या बढ़ेगी।उन्होंने कहा कि योग विद्या के आसन, प्राणायाम क्रिया से दिव्यता की भी प्राप्ति होती है, और यह दिव्यता अपने आप को आगे बढ़ाने एवं शारीरिक और मानसिक रूप से स्वयं में फुर्ती लाने के लिए है।
भक्तियोग,कर्मयोग ,राजयोग जैसे योग शब्द योग विद्या पर लागू होते हैं क्योंकि जिनका मापन नहीं किया जा सकता, योग के द्वारा उनकी सीमाओं को महसूस किया जा सकता है। योग में संकल्प एवं नियमितता की प्रमुखता होती है। जब तक भारत में योग प्रचलित था, इसे राष्ट्रीय स्तर पर योग के नाम से जाना जाता था। इंटरनेशनल होने पर इसे योगा शब्द से परिभाषित किया जाने लगा। व्यक्ति जब योगी बन जाता है तब मन में किसी के लिए ईर्ष्या द्वेष नहीं रहता, बल्कि योग में विज्ञान तकनीकी एवं पर्यावरण को जोड़ने पर व्यक्ति के लिए प्रेम का मार्ग सुगम हो जाता है। उक्त सभी कारणों से योग विद्या की आवश्यकता थी जिसे खेल कैलेंडर वर्ष में शामिल किया गया है।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ अनिल कुमार मंडल ने खेल के सफल आयोजन के लिए संस्था के खेल समिति एवं सभी खेल प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को शुभकामना संदेश दिया। अपने स्वागत संभाषण में प्रधानाचार्य ने कहा कि योग व्यक्ति को सफल होने का प्रयास है और असफल प्रतियोगियों को अपनी गलती सुधारने का अवसर क्योंकि योग भी एक कला कौशल है, जिसे कठिन परिस्थितियों में तन-मन का संतुलन प्राप्त करने के लिए विभिन्न आसनों के द्वारा संपन्न किया जाता है। अभ्यास एवं उद्यम के द्वारा ही कार्य फलीभूत होते हैं।
“उद्यमेन ही सिध्यंति” मुहावरे का प्रयोग करते हुए प्रधानाचार्य जी ने क्रिकेट जगत के खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए कहा कि सचिन तेंदुलकर जिंबाब्वे दौरे पर कम रन पर आउट हो जाने के बाद अपनी गलती सुधारने के लिए लगातार प्रैक्टिस करते थे और अगले मैच पर अपना पूर्ण प्रदर्शन दिखाते थे। इसी प्रकार योगाभ्यास गलती को सुधारने का अवसर है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय उप-खेल पदाधिकारी डॉ अमृत कुमार झा ने 40 प्रतिभागियों में से वरीय स्थान प्राप्त 16 प्रतिभागियों को उनके द्वारा प्राप्त स्थान के आधार पर बधाई देते हुए कहा कि यह प्रतिस्पर्धा तो एक शुरुआत मात्र है। विश्वविद्यालय उनसे और बेहतर परफॉर्मेंस की उम्मीद करती है जिससे जोनल स्तरीय योग प्रतिस्पर्धा में उन्हें अपनी कला दिखाने का अवसर मिलेगा और यदि प्रदर्शन अच्छा रहा तो यह निकट भविष्य में ये प्रतिभागीगण राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि करेंगे।
महाविद्यालय खेल पदाधिकारी डॉ यादवेंद्र सिंह ने कहा कि यह दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता के आयोजन होने से छात्रों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण अवसर था जिसमें प्रतिभागी खेल के नियमों का , योग के आसनों का एवं अपने व्यवहारिक जीवन का समुचित प्रबंधन करना सीखेंगे जिससे सफल अभ्यर्थी आगे आए और असफल अभ्यर्थियों को भी आगे बढ़ने का, गलती सुधारने का और दुबारा अच्छा प्रदर्शन करने का अवसर मिला ।
दो दिवसीय प्रतिस्पर्धा के निर्णायक समितियों में श्री रोशन उपाध्याय, डॉ जनक नंदिनी झा, डॉ उपासना सिंह एवं खेल प्रशिक्षक के रूप में श्री श्याम मंडल का सराहनीय योगदान रहा। मंच से मुख्य अतिथि सहित प्रधानाचार्य, निर्णायक समितियों, खेल प्रशिक्षकों एवं खेल पदाधिकारियों को पाग चादर स्मृति चिन्ह एवं गुलदस्ते के माध्यम से सम्मानित किया गया।
प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को स्त्री एवं पुरुष वर्ग में पृथक स्मृति चिह्न से नवाजा गया, इसमें क्रमशः महिला वर्ग में प्रथम स्थान पर शिवानी कुमारी; नागेंद्र झा महिला कॉलेज,द्वितीय स्थान पर शारदा मणि;के. एस. कॉलेज, और तृतीय स्थान पर अनु कुमारी; नागेंद्र झा महिला कॉलेज को सम्मानित किया गया। पुरुष वर्ग में प्रथम स्थान पर अमित कुमार मिश्रा; सीएम कॉलेज, पंकज कुमार, विश्वविद्यालय एमबीए विभाग को द्वितीय स्थान और अभय कुमार सीएम कॉलेज दरभंगा से तृतीय स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ संजीत झा और धन्यवाद ज्ञापन श्री अखिलेश कुमार राठौर ने किया। अतिथियों के शुभ आगमन पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की स्वयंसेविका सफीना महफूज ने स्वागत गान प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर डॉ दिवाकर कुमार सिंह, डॉ मयंक श्रीवास्तव, डॉ शशांक शुक्ला, डॉ अब्दुल हई, अखिलेश कुमार राठौर, रितिका मौर्या, डॉ विजयसेन पांडे, नीरज कुमार, डॉ संदीप कुमार, डॉ श्याम रजक, श्मशाद हुसैन सहित अनेक शिक्षक एवं कर्मचारियों के साथ-साथ सत्यम, अभय कुमार, सौरभ कुमार आदि छात्र-छात्राओं की उपस्थिति प्रशंसनीय रही।