-नैक वेबसाइट पर रिसर्च पेपरों के साथ छात्रों के विकास क्रम को भी करें रेखांकित : डॉ. दिवाकर झा।

-आइक्यूएसी कार्यालय ने बेहतर नैक ग्रेडिंग प्राप्त करने को लेकर की प्रशिक्षण सत्र आयोजित।

नैक ग्रेडिंग को लेकर आयोजित प्रशिक्षण सत्र में शामिल विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभागों एवं संस्थानों के डीक्यूएसी समन्यवक।

#MNN@24X7 दरभंगा। नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद्) में बेहतर ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए नैक की वेबसाइट पर प्रमाणित दस्तावेज के साथ डेटा अपलोड करना अनिवार्य है। विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में नैक ग्रेडिंग का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम है। नैक में अच्छी ग्रेडिंग से ललित नारायण मिथिला विश्वविद्लाय को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नया आयाम मिलेगा।

उक्त बाते आइक्यूएसी कार्यालय की ओर से बुधवार को आइक्यूएसी की सभागार कक्ष में प्रशिक्षण सत्र में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों एवं संस्थानों के डीक्यूएसी समन्वयकों के अलावा आइक्यूएसी को सहयोग करने वाली कमेटि के सभी सदस्यों को संबोधित करते हुए आइक्यूएसी के निदेशक डॉ. मो. ज्या हैदर ने कही।

डॉ. हैदर ने कहा कि मिथिला विश्वविद्यालय बेहतर नैक ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए सभी मानक पर योग्य है। इसबार बेहतर नैक ग्रेडिंग पा सकें, इसके लिए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्याय के माननीय कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह के निर्देशानुसार प्रशिक्षण सत्र आयोजित की गई है। डॉ. हैदर ने कहा कि नैक ग्रेडिंग बेहतर मिलने से ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल पाएगा।

डॉ. हैदर ने कहा कि प्रशिक्षण सत्र में सभी स्नातकोत्तर विभागों/संस्थानों के डीक्यूएसी समन्वयकों से इस बात की जानकारी ली गई कि नैक ग्रेडिंग को लेकर विभाग स्तर पर क्या-क्या पहल की गई है। साथ ही वर्ष 2023 में बेहतर नैक ग्रेडिंग कैसे मिले, इसको लेकर भविष्य की कार्य योजना पर भी चर्चा की गई। नैक ग्रेडिंग के लिए वेबसाइट पर किस प्रकार से डेटा को भरा जाना चाहिए, इस बात का प्रशिक्षण भी दिया गया। साथ ही डेटा भरने में हो रही परेशानियों को भी दूर किया गया।

प्रशिक्षण सत्र के विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में नैक कोर कमेटि के सदस्य डॉ. दिवाकर झा ने शुरू से अबतक डीक्यूएसी समन्वयकों की ओर से किए गए कार्यों की तारीफ की। इसी तरह आगे भी समन्वयकों से कार्यों की गति बनाए रखने की अपील की।

डॉ. झा ने कहा कि बेहतर नैक ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए डेटा को सही से नैक की वेबसाइट पर अपलोड करना बहुत ही जरूरी है। कई बार सभी दस्तावेज और मानक के अनुसार तथ्य रहने के बावजूद संस्थान को बेहतर नैक ग्रेडिंग नहीं मिल सकी। इसके पीछे एक ही कारण यह निकला कि तकनीकी रूप से बेवसाइट पर डेटा अपलोड करने में कुछ-न-कुछ कमी रह गई। इसलिए इसबार डेटा अपलोड करते वक्त विभागों के शिक्षकों की ओर से प्रकाशित रिसर्च पेपर, पुस्तक और उनकी उपलब्धियों को प्रमाणित दस्तावेज के साथ अपलोड करें। साथ ही विभागों से पास आउट छात्रों की उपलब्धी और उन स्नातकोत्तर छात्र जो अपने यहां से पीजी करने के बाद खुद के ही विभाग में पीएचडी में नामांकन कराएं हैं तो छात्रों के इस विकास क्रम को बेहतर तरीक से नैक की वेबसाइट पर प्रमाणित दस्तावेज के साथ रेखांकित करने से संस्थान को बेहतर नैक ग्रेडिंग मिलेगी।

नैक को लेकर आयोजित प्रशिक्षण सत्र में डॉ. दमन कुमार झा, डॉ. आनंद प्रकाश गुप्ता, डॉ. अरविंद कुमार मिलन, डॉ. गंगेश कुमार झा, अमृत कुमार झा, डॉ. अनीस अहमद, डॉ. मिर्जा रुहुल्लाह बेग, डॉ. सारिका पांडेय, डॉ. अनुरंजन, डॉ. पी. भंजन, डॉ. प्राची मरवाहा, डॉ. विन्दु चौहान समेत सभी विभागों के डीक्यूएसी समन्वयक शामिल थे।