रसोइयों को सरकारी कर्मी का दर्जा, मानदेय 10 हजार रु० करने, MDM से NGO को बाहर करने,10 माह नहीं 12 माह का मानदेय देने अन्यथा 30 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की चेतावनी।
#MNN@24X7 ताजपुर/समस्तीपुर, 7 नवम्बर, 13 सूत्री मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। 31 अक्टूबर को सदियों हजार रसोइया ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन किया। राज्य की सवा लाख रसोइयों के मानदेय में पिछले कई वर्षों से राज्य सरकार ने वृद्धि नहीं किया है और केंद्र की मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में एक रुपये की भी वृद्धि नहीं किया है। राज्य सरकार ने अपनी ओर से अंतिम बार 2019 में 250 रु० की वृद्धि किया था। इसके बाद बेतहासा महंगाई के बाबजूद महज 1650 रुपये में रसोइया से स्कूलों में खाना बनाने का काम लिया जा रहा है। वहीं केंद्र पोषित इस योजना में मोदी सरकार ने अपने 10 वर्षीय शासन में एक रुपया भी वृद्धि नहीं किया। सोईयों को साल के 12 महीने के बजाय 10 महीने का मानदेय दिया जा रहा है। ऊपर से इनके ऊपर काम का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं केंद्र सरकार एक साजिश के तहत रसोइयों को स्कूल में खाना बनाने के काम से बेदखल कर इस काम को एनजीओ को सौंपने की साजिश रच रही है।सरकार के रसोइया विरोधी इन कार्रवाइयों से आक्रोशित रसोइया केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रही हैं। सरकार को संघ द्वारा मांगपर सौंपकर यथाशीघ्र मांग पूरा करने अन्यथा 30 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी गई।
बतौर अतिथि भाकपा माले प्रखण्ड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने मंगलवार को नगर परिषद क्षेत्र के मोतीपुर स्थित देवनारायण साह प्राथमिक विद्यालय परिसर में बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू) के नगर-प्रखण्ड शाखा की बैठक को संबोधित करते हुए कहा। बैठक की अध्यक्षता रसोईया गिरजा देवी ने किया। सुनीता देवी, शिवकुमारी देवी, इंदू देवी, ममता देवी, नीलम देवी, नीलम कुमारी, मंजू देवी, सुनैना देवी, ललीता देवी, कौशल्या देवी, पुनीता देवी, कुंती देवी, श्यामला देवी, खेग्रामस प्रखण्ड अध्यक्ष प्रभात रंजन गुप्ता आदि ने बैठक में अपने- अपने विचार व्यक्त किया।