#MNN24X7 ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति कक्ष में दिनांक 27.12.2022 (मंगलवार) को माननीय कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिहं की अध्यक्षता में स्नातक द्वितीय खंड और स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर परीक्षा-2022 के सभी केंद्राधीक्षकों, जिला नोडल पदाधिकारियों और विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षा कार्यों के लिए नियुक्त पर्यवेक्षकों की वर्चुअल माध्यम से बैठक हुई। विश्वविद्यालय की परीक्षा कदाचार मुक्त संपन्न कराने साथ ही भविष्य में आयोजित होने वाली अन्य परीक्षाओं के सफल संचालन को लेकर कुलपति महोदय ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी परीक्षा में परीक्षा कार्य में संलग्न वीक्षक, कर्मचारी एवं अन्य व्यक्तियों के पास किसी भी परिस्थिति में परीक्षा अवधि में मोबाइल/कैमरा और अन्य इलेक्टॉनिक्स सामान नहीं रहे, यह सुनिश्चित करना सभी केंद्रधीक्षकों और पर्यवेक्षकों का कार्य है।
साथ ही कहा कि कार्य संपादन में सुगमता के मद्देनजर केंद्राधीक्षक, विश्वविद्यालय/प्रशासन द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों को मोबाइल रखने की छूट होगी, किन्तु इसका ख्याल रखा जायेगा कि मोबाइल का परीक्षा निमित दुरुपयोग न हो। प्रो. सिंह ने कहा कि इस बात का भी ख्याल रखा जाए कि परीक्षा से संबंधित गोपनीय पत्र का बंडल खोलने के तत्काल बाद बंडल खोलते हुए तथा हस्ताक्षर करते हुए केंद्राधीक्षक, परीक्षा नियंत्रक एवं पर्यवेक्षक का जीवंत फोटो संबंधित वाट्सएप समूह पर प्रेषित करना सुनिश्चित करेंगे।
साथ ही सभी केंद्राधीक्षक एवं पर्यवेक्षक परीक्षा आरंभ होने से एक घंटा पूर्व केंद्र पर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। इस बात पर भी ध्यान देंगे कि परीक्षा कक्ष में परीक्षार्थी को क्रमांक के अनुसार बैठाया गया है की नहीं। बैठने की तालिका कक्ष के बाहर एवं सूचनापट्ट पर प्रकाशित होनी चाहिए। प्रो. सिंह ने कहा कि वीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी परीक्षार्थी के पास परीक्षा कक्ष में मोबाइल नहीं रहे। यदि किसी के पास मोबाइल पाया जाता है तो वे परीक्षार्थी कदाचार की श्रेणी में आकर निष्काषित किये जायेंगे।
बैठक को कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद ने भी संबोधित किया। बैठक में परीक्षा कार्यों की देखरेख कर रहे डॉ. ए.आर. सिंह, प्रो. ए.के. सिंह, प्रो. ए.के. मेहता उपस्थित थे। साथ ही बैठक में परीक्षा नियंत्रक डॉ. आनंद मोहन मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक प्रथम डॉ. नवीन कुमार, परीक्षा नियंत्रक द्वितीय डॉ. मनोज कुमार, चारों जिलों के अधिकांश केंद्राधीक्षक, जिला नोडल पदाधिकारी तथा पर्यवेक्षक सम्मिलित हुए।