प्राचीन आदर्शों को ही पुष्ट करती नई शिक्षा नीति।
संस्कृत विश्वविद्यालय में शान से लहराया तिरंगा।
#MNN@24X7 दरभंगा। गुरुवार को 74वे गणतंत्र दिवस के अवसर पर संस्कृत विश्वविद्यालय मुख्यालय परिसर में राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के बाद अपने सम्बोधन में कुलपति डॉ शशिनाथ झा ने सभी वीर जवानों को नमन व स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज का दिवस राष्ट्रीय भावना को प्रेरित करता है। राष्ट्र सर्वोपरि है और उसकी रक्षा व संरक्षा संस्कृति को अक्षुण्ण कर ही की जा सकती है।
साथ ही उन्होंने कहा कि संस्कृत में अभिरुचि राष्ट्रीयता को बढ़ावा देती है और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय संस्कृत के प्रति समाज को जागरूक कर रहा है। इस तरह भारतीय संस्कृति को पुष्पित व पल्लवित करने के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय समर्पित है।
कुलपति ने आगे कहा कि वैदिक युग से ही गणतंत्र की अवधारणा रही है। अपने बिहार ने ही समस्त विश्व को गणतंत्र की परिभाषा दी है। इस मायने में भी हमलोगों का गन के प्रति एवं जन के प्रति उत्तरदायित्व ज्यादा है। पीआरओ निशिकांत के अनुसार, इसी क्रम में कुलपति ने कहा कि नवीन शिक्षा नीति प्राचीन शिक्षा के आदर्शों को ही चरितार्थ करती है। इस शिक्षा नीति से समाज को अधिक से अधिक लाभ मिले, इस ओर हमसभी को जुगत लगानी होगी।
तिरंगा फहराने के पूर्व कुलपति डॉ झा एवं कुलसचिव डॉ सत्येंद्र नारायण सिंह ने परिसर स्थित महाराजाधिराज डॉ सर कामेश्वर सिंह व लक्ष्मीश्वर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया एवं उनके प्रति भी श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, कुलसचिव डा सिंह ने फूलमाला से कुलपति डॉ झा एवं एफए कैलाश राम का स्वागत किया। मौके पर विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी व कर्मी मौजूद थे।