#MNN@24X7 जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में जब वोट देने का समय आता है तब हम नहीं सोचते हैं कि हमारा बच्चा पढ़-लिखकर घर में बेरोजगार बैठा हुआ है। ये नहीं सोचते हैं कि हमारे घर के जवान पूरे साल अपने परिवार का मुंह नहीं देख पाते हैं। वोट के दिन हम बस याद रखते हैं हमारी जाति, हिन्दू-मुसलमान, पुलवामा या पाकिस्तान।
उन्होंने कहा कि अगर आप वोट देना सीख जाएंगे तो 5 साल तक नेता आपके घर के सामने एड़ी रगड़ेगा और यदि आप वोट के दिन गलती कर गए तो 5 साल आप भिखारी बनकर नेता के आगे गिड़गिड़ाएंगे। आप कहते हैं कि मुखिया हमारी सुनता नहीं है। जब आप 500 रुपये लेकर मुखिया चुनते हैं या अपने जाति पर वोट देंगे तो आपके बच्चों का भविष्य कैसे सुधरेगा। हमारे घर के जवान अपना पेट काटकर 12-14 घंटे काम करते हैं और 5-6 हजार रुपये भेजते हैं ताकि बाल बच्चे खाएं। जब वोट आप ऐसे ही दे देते है तो उसका परिणाम आप नहीं भोगेंगे तो कौन भोगेगा। अगर आप नहीं सुधरेंगे तो आपके बच्चों को भी इसी दुर्दशा में जीना पड़ेगा।