“सिंचाई संसाधनों का जीर्णोद्धार व नए का निर्माण, सिंचाई हेतु मुफ्त बिजली, बाढ़ – सुखाड़ का स्थाई निदान,एमएसपी की कानूनी गारंटी,खाद्य सुरक्षा, कर्ज मुक्ति,कृषि मंडियों की पुनर्बहाली,भूमि सर्वे पर रोक लगाने,कृषि भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाने, 2013 के कानून के मुताबिक मुआवजा, एनपीएफएएम प्रस्ताव को वापस लो !आदि मांगों पर” आज 17 जनवरी 2025 को राज्य व्यापी कार्यक्रम के तहत दरभंगा जिला समहरणालय पर “किसानों का महाजुटान धरना” संपन्न।

किसानों ने यूरिया के किल्लत को लेकर भी आवाज़ बुलंद किया

बहादुरपुर हनुमान नगर सहित जिले के विभिन्न इलाकों के जल जमाव को लेकर जिला प्रशासन समग्र योजना बनाने की मांग किया.

#MNN@24X7 दरभंगा ,कल अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य व्यापी आह्वान के तहत अखिल भारतीय किसान महासभा की दरभंगा जिला परिषद के बैनर तले दरभंगा समाहरणालय पर सिंचाई के साधनों के जीर्णोद्धारकरने, यूरिया खाद के कालाबाजारी व किल्लत दूर करने, *किसानों का महाजुटान धरना* आयोजित हुआ।

किसानों के इस धरना की अध्यक्षता किसान महासभा के बुजुर्ग नेता शिवन यादव ने किया और संचालन राज्य परिषद सदस्य प्रवीण कुमार ने किया।

धरना को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार राज्य सह सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि आज देश का किसान अब तक के इतिहास में सबसे बड़े संकट के दौर से गुजर रहे हैं।जब राज सत्ता ही हमारी खेत – खेती व हमारी फसल को कारपोरेट के पक्ष में हमसे छीन लेना चाह रही है। पहले हमारी खेती में मिलने वाली सभी सुविधाओं को समाप्त कर उसे घाटे का कार्य बना दिया,फिर कानून के सहारे खेत- खेती- फसल पर कारपोरेट का कब्जा दिला देना चाहती है। पुनः केंद्र सरकार *कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति* के प्रस्ताव (एन पी एफ ए एम) के जरिए तीनों काले कृषि कानूनों को चोर दरवाजे से राज्यों के माध्यम से लागू कराने कि कोशिश कर रही है। जिसका विरोध देश भर के किसान व उनके संगठन कर रहें हैं ।

दूसरी ओर हम, सी-2+50% के साथ एम एस पी की कानूनी गारंटी, खाद्य सुरक्षा,संपूर्ण कर्ज माफी, कृषि मंडियों की पुनर्बहाली , सिंचाई हेतु मुफ्त बिजली,सिंचाई संसाधनों का जीर्णोद्धार व नए का निर्माण, बाढ़ – सुखाड़ का स्थाई प्रबंध, आदि मांगों पर लगातार आंदोलनरत है। इसके अतिरिक्त सरकारी गैर सरकारी विकास योजनाओं के नाम पर कृषि भूमि की लुट के खिलाफ व 2013 के कानून के मुताबिक समुचित मुआवजा के लिए,भूमि सर्वे के नाम पर किसानो की जमीन की जमाबंदी रद्द कर उसे सरकारी घोषित करते हुए कारपोरेट के लिए लैंड बैंक बनाने की सरकारी कोशिशों के खिलाफ भी हम लगातार आवाज बुलंद कर रहे हैं।

जैसा कि आप जानते है कि सिंचाई के बिना खेती की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती है। आज के आधुनिक समय में भी हमारी खेती प्रकृति पर पूर्णतः निर्भर है। अतीत में बिहार में जो भी सिंचाई संसाधन थे, वे सभी सरकारी उदासीनता के कारण मृत प्राय हो चुके हैं। सभी सरकारी नलकूप बंद पड़े है।डीजल और बिजली काफी महंगी है। सोन, गंडक , कोसी व उत्तर कोयल की नहरें भी अपनी आखिरी सांसे ले रही हैं।

उन्होंने कहा कि गत बीस वर्षों से नीतीश बाबू बिहार की सत्ता पर कायम हैं।इन्होंने भी कृषि विकास की लंबी चौरी बातें कर अब तक चार कृषि रोड मैप जारी कर चुके हैं,लेकिन सिंचाई के मामले में इनका रोड मैप टांय टांय फिस साबित हो चुके हैं। सत्ता में आते ही नीतीश बाबू ने अपना किसान व कृषि विरोधी चरित्र को दिखाते हुए बिहार में ए पी एम सी एक्ट को समाप्त कर कृषि मंडियों को बंद कर दिए थे और हम किसानों को मुनाफाखोर व्यापारियों के आगोश में धकेल दिया था। तब से आज तक एपीएमसी एक्ट की पुनर्बहाली व कृषि मंडियों को चालू करने के लिए आवाज उठा रहे हैं लेकिन ये कान में तेल डाल कर सोए हैं और अपने को किसानों की हिमायती बताने में नहीं चूकते हैं।

उल्टे हमारी खेतों को सरकारी गैर सरकारी विकास योजनाओं के नाम पर नष्ट व लुट की जा रही है और हमें 2013 के कानून के मुताबिक समुचित मुआवजा देने के बजाय 2013 के कृषि भूमि अधिग्रहण कानून की धज्जियां उड़ाते हुए पंद्रह से बीस वर्ष पुराने सर्किल रेट से मुआवजा दिया जा रहा है। कृषि भूमि का इस तरह नष्ट होते जाना देश व राज्य को खाद्यान्न संकट में धकेलना है। दूसरी ओर सरकार भूमि सर्वे करा कर हमारी रैयती , सरकार से ही प्राप्त गरीबों की जमीनों,व भूदान की जमीनों को भी जमाबंदी खारिज करते हुए बिहार सरकार की जमीन घोषित करते हुए, लैंड बैंक बनाते हुए,कारपोरेट को देने की कोशिश की जा रही है। इसे कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहाकि बहादुरपुर हनुमान नगर के सैकड़ो एकड़ ज़मीन में स्थाई जलजमाव के निदान को लेकर जिला प्रशासन को कोसी प्रोजेक्ट के जरिये बने अधूरे नहर सदर प्रखंड के चिकनी से अतहर के पास कमला नदी तक पूर्ण करना चाहिये.

साथ ही आम जनता के अन्य प्रश्नों पर भाकपा माले द्वारा पटना में 9 मार्च 2025 को आयोजित *बदलो बिहार महाजुटान रैली* को सफल बनाने के लिए तन मन धन से सहयोग कर सफल बनाने की भी अपील किसानो से किया ।

धरना को अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव धर्मेश यादव, राज्य पार्षद प्रवीण यादव, शिवन यादव, बहादुरपुर प्रखंड सचिव मकसूदन यादव, प्रखंड अध्यक्ष कोमल कांत यादव, जिला उपाध्यक्ष सूर्यनारायण शर्मा, मो हमाद, दिलीप शर्मा, भाकपा (माले ) नेता विनोद सिंह, अवधेश सिंह, खेग्रामस नेता हरि पासवान, देवेंद्र कुमार, परमेश्वर पासवान, विनय कुमार आदि ने भी धरना को सम्बोधित किया.मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र धरना के लिए प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट सदर अनुमण्डंल कल्याण पदाधिकारी खुर्शीद आलम ने धरना पर आकर लिया और आगे भेजने का आश्वासन दिए।