रांची।उत्तर प्रदेश पुलिस की तरह अब झारखंड पुलिस ने भी रांची हिंसा के 33 आरोपियों का तस्वीरों वाला पोस्टर जारी किया हैं।इन तस्वीरों के जरिए पुलिस लोगों से आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। राजधानी रांची में हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी। वहीं एक दर्जन पुलिसकर्मियों सहित 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और निकाले गए नेता नवीन कुमार जिंदल की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर राजधानी रांची में 10 जून को जुमे का बाद विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था।हिंसा के बाद प्रशासन को शहर के कुछ क्षेत्रों में धारा 144 लागू करनी पड़ी थी और इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया गया था। हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और हजारों लोगों के खिलाफ 25 एफआईआर दर्ज की गई है।
आपको बता दें कि झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने राजधानी रांची में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को राजभवन तलब किया था। उन्होंने पूछा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों, रबड़ की गोलियों या आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया और प्रशासन एहतियाती कार्रवाई करने में नाकाम क्यों रहा।
डीजीपी ने राज्यपाल को सूचित किया कि खुफिया ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर राजधानी रांची में 10 जून के विरोध-प्रदर्शन के दौरान केवल 150 लोगों के जुटने की उम्मीद थी।हालांकि हिंसक विरोध में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
राज्यपाल ने यह भी पूछा कि पुलिस अधिकारी और कर्मी हेलमेट और सुरक्षात्मक गियर क्यों नहीं पहने हुए थे। उन्होंने पूछा कि अब तक कितनी गिरफ्तारियां की गई हैं? कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं? सभी प्रदर्शनकारियों और जो पकड़े गए हैं, उनका विवरण प्राप्त करें, उनके नाम/पते सार्वजनिक करें, शहर में मुख्य स्थानों पर उनकी तस्वीरों वाली होर्डिंग लगाएं, ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और पुलिस की मदद कर सके।
राज्यपाल ने पूछा कि क्या पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोगों की पहचान की है,क्या उन्हें दंडित करने के लिए कोई कार्रवाई की गई है। बैस ने कहा कि ऐसे सभी लोगों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने की जरूरत है।