राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर, दरभंगा सम्बद्ध इकाई राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेदिक चिकित्सालय।

#MNN@24X7 कल दिनांक-31.03.2023 (शुक्रवार) को आयुर्वेदिक महाविद्यालय सभागार में धूमधाम से डा0 मोदनाथ मिश्रा, प्रवाचक एवं विभागाध्यक्ष संहिता विभाग का सम्मानपूर्वक विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर काॅलेज के डा0 मोदनाथ मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि काॅलेज का सर्वांगीण विकास दिन प्रतिदिन होता रहे तथा इस काॅलेज का उन्नति पुष्पान्वित तथा फलवान्ति होता रहे, ईश्वर से ऐसी प्रार्थना है।

आगे इन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी संस्था को जहाँ मेरी जरूरत महसूस होगी मैं सेवा देने के लिए तत्पर हूँ। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि नये प्राचार्य के दिशा निर्देशन एवं कर्मचारियों के सामंजस्य से आने वाले दिनों में यह महाविद्यालय अपनी खोई हुई गरिमा को प्राप्त करेगा। वैद्य राजेश्वर दूबे, सह प्राध्यापक ने बताया कि इस काॅलेज का दिन दुगुना और रात चैगुना के तरह इसका विकास होता रहे यही कामना है। डा0 मिश्रा के दीर्घायु एवं शतायु होने की कामना व्यक्त की।

प्राचार्य डा0 शम्भु शरण ने बताया कि कर्तव्यों का निर्वहन सिर्फ सेवानिवृत्ति तक ही नहीं होती है बल्कि सेवा उपरान्त यह जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। क्योंकि सेवानिवृत्ति के बाद व्यक्ति व्यक्तिगत कार्यों के अलावा सामाजिक जिम्मेदारियाँ बहुत बढ़ जाती है।

प्राचार्य ने आगे बताया कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है। किसी कार्य का छोटा या बड़ा होना मनुष्य के मन की उपज है। मनुष्य अगर कर्तव्यनिष्ठ हो तो बड़ा से बड़ा संकल्प भी पूरा किया जा सकता है। प्राचार्य ने अपने कर्मचारियों से सहयोग की अपेक्षा की साथ-ही-साथ कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि आपके हित की अनदेखी नहीं की जायेगी। आप कर्तव्यनिष्ठ हो। रोगियों से सदा मधुर व्यवहार करे एवं किसी को शिकायत का मौका नहीं दे। प्राचार्य ने आगे बताया कि संस्था के विकास के लिए अथक प्रयास करता रहूँगा। इस मौके पर काॅलेज के समस्त चिकित्सकगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।

पूर्व की भाँति आज चिकित्सालय परिसर में स्वर्ण प्राशन की खुराक बच्चों को पिलाई गयी। बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों में काफी उत्साह देखने को मिला। स्वर्ण प्राशन के लिए कुल पंजीयन 150 (एक सौ पचास मात्र) हुआ। ज्ञातव्य है कि स्वर्ण प्राशन की खुराक प्रत्येक माह के पुष्य नक्षत्र के दिन ही दवा देने का प्रावधान है। इसके नियमित प्रयोग से बच्चों के शरिरिक एवं मानसीक बल में वृद्धि होती है। पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। बार.बार होने वाले संक्रामक रोगों यथा सर्दी, खासी बुखार एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी हो जाने के कारण होने वाले रोगों में अत्यंत लाभकारी है। स्वर्ण प्राशन के लगातर सेवन से बच्चे में अद्भूत शारीरिक एवं मानसिक क्षमता में वृद्धि होती है। शास्त्र में ऐसा कहा गया है कि बच्चे छह माह के अंदर किसी बात को सुनकर याद कर (श्रुतधर) लेते हैं।

स्वर्ण प्राशन का शुभारंभ डा0 शंभु शरण ;प्रभारी प्राचार्यद्ध के निर्देशन में दवा पिलाकर प्रारंभ हुआ तथा साथ ही साथ कालेज के चिकित्सकगण एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

आगामी स्वर्ण प्राशन की खुराक पुष्य नक्षत्र में दिनांक 28.04.2023 को प्रातः 10 बजे से अपराहन 2 बजे तक स्वर्ण प्राशन की खुराक पूर्णतः निशुल्क रूप से तथा पंजीकृत बच्चों को दिया जायेगा। नये बच्चों के साथ.साथ पुनः पुराने बच्चों को पंजीयन कराना होगा। पिलाये गये बच्चों को भी दिनांक 21.04.2023 से पंजीयन कराना होगा।

इस कार्यक्रम का संचालन डा0 मनीष कुमार आलोक, सहायक प्राध्यापक ने किया।