#MNN@24X7 दरभंगा, भारत की राष्ट्रीय बाल अकादमी (INDIAN ACADEMY OF PAEDIATRICS) अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के बाद शिशु रोग विशेषज्ञों की विश्व की सबसे बड़ी संस्था है। आज की तिथि में इसके 41916 सदस्य हैं। इसमें 5 जोनल, 31 राज्य और 333 जिला और नगर शाखा के साथ 9 सब-स्पेशलिटी ग्रुप एवं 22 सब-स्पेशलिटी चैप्टर हैं। दरभंगा एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स आईएपी की दरभंगा जिला शाखा है। आईएपी की दरभंगा शाखा का गठन 2000 में हुआ था और इसका उद्घाटन आईएपी के प्रथम अध्यक्ष डॉ लाला सूर्यनंदन ने किया था। डॉक्टर शिवनंदन सिंह और डॉक्टर ओम प्रकाश क्रमशः इसके संस्थापक अध्यक्ष और सचिव रहे हैं। वर्तमान में डॉक्टर अशोक कुमार, डॉक्टर मोहम्मद सलीम अहमद और डॉक्टर अरविंद कुमार सुमन क्रमशः इसके अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष है। आईएपी ईस्ट जोन में अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, झारखंड, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, उड़ीसा, सिक्किम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। वर्तमान में इस्ट जोन अध्यक्ष उड़ीसा से डॉक्टर अर्किता सोंइ और सचिव बिहार से डॉक्टर अनिल कुमार तिवारी है।
देश के शिशुओं के हित और शिशु रोग विशेषज्ञों की क्षमता वृद्धि में इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स सदा कार्यशील रही है। शिशुओं के हित के लिए या भारत सरकार एवं अन्य राज्य सरकारों की सलाहकार है। 21 मई 2023 पोलो ग्राउंड के पास लहेरियासराय स्टेडियम में आयोजित आईएपी ईस्ट जोन मिड टर्म सीएमइ इसी कड़ी में आयोजित कार्यक्रम है। इसके 12 सदस्य राज्यों के अतिरिक्त कई अन्य राज्यों यथा केरल, मुंबई, दिल्ली, राजस्थान इत्यादि के भी विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में पूरे बिहार से लगभग एक सौ शिशु रोग विशेषज्ञों के भाग लेने की संभावना है। कार्यक्रम में यूपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ उपेंद्र किंजवाडेकर, सचिव डॉ विनीत सक्सेना,इस्ट जोन के अध्यक्ष अर्पिता सोंइ (ओडिसा), सचिव डॉ अनिल तिवारी, बिहार राज्य शाखा के अध्यक्ष डॉ शिव बचन सिंह एवं अध्यक्ष मधु कुमारी सिन्हा भी उपस्थित रहेंगे।
लहेरियासराय स्टेडियम में पूरे दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सचिव डॉ उपेंद्र किंजवाडेकर बच्चों के ग्रोथ चार्ट की विवेचना और डॉक्टर दिनेश सक्सेना पोषण जन्य एनीमिया पर अभिभाषण देंगे। डॉ राजीव मिश्रा बुखार के मूलभूत तत्वों, डॉक्टर अपूर्बा घोष ब्रेन के व्हाइट मैटर की बीमारियां, डॉ जयदीप चौधरी निमोनिया, डॉ ललन भारती नियोनेटल हाइपोग्लाइसीमिया, डॉ देवाशीष शर्मा ऑक्सीजन चिकित्सा, डॉ विकास दुआ बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन, डॉ बी पी जायसवाल कॉम्प्लिकेटेड डेंगू, डॉ मृत्युंजय डास विल्सन डिजीज, डॉ ए के जायसवाल न्यूबॉर्न स्क्रीनिंग, डॉ शंभू नाथ चर्म रोग, डॉ श्रवण कुमार नवजात शिशुओं में संक्रमण और डॉक्टर विनोद कुमार सिंह सेप्टिक शॉक के मैनेजमेंट पर अपने विचार व्यक्त करेंगे। मेघालय के डॉ शांतनु देव की अध्यक्षता में ट्यूबरकुलोसिस में गाइडलाइंस के नए बिंदुओं पर डॉक्टर अरविंद ओझा, डॉक्टर अमित कुमार, डॉक्टर शिव वचन सिंह, डॉक्टर रिजवान हैदर और रिजवान अहमर विस्तृत चर्चा करेंगे।
सीएमई के दूसरे दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ उपेंद्र किंजवाडेकर और दीपक पांडा के नेतृत्व में माउंट समर कान्वेंट स्कूल लहेरियासराय मेंआयोजित ‘संकल्प: संपूर्ण स्वास्थ्य’ कार्यशाला में 3 साल से 14 साल तक के बच्चों को स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसके उपरांत लहरिया सराय स्टेडियम में शिशु रोग विशेषज्ञों की प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा, जिसमें राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक दरभंगा के शिशु रोग विशेषज्ञों को ‘संकल्प: संपूर्ण स्वास्थ्य’ के ट्रेनिंग देने की ट्रेनिंग देंगे। कार्यक्रम के अंत में शिशु रोग विशेषज्ञ स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य के विभिन्न स्टेकहोल्डर्स, प्रेस और मीडिया के साथ बच्चों के स्वास्थ्य पर चर्चा करेंगे।
सी एम इ कार्यक्रम के आयोजन चेयरमैन डॉक्टर एनपी गुप्ता, सचिव डॉक्टर अमृता मिश्रा, संयुक्त सचिव डॉ उत्सव राज, कोषाध्यक्ष डॉ मिथिलेश कुमार सिंह, उप कोषाध्यक्ष डॉ कुमार आनंद,स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉक्टर के मिश्रा, साइंटिफिक कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक कुमार एवं उपाध्यक्ष डॉ पल्लवी के साथ अन्य आयोजन समितियों में डॉ मनी शंकर, डॉ मृदुल कुमार शुक्ला, डॉक्टर रिजवान अहमद इत्यादि प्रमुख हैं। स्थानीय शाखा के लगभग 40 शिशु रोग विशेषज्ञ आयोजन समिति में शामिल हैं। कार्यक्रम के संरक्षक डॉ भोला नायक, डॉक्टर शिवनंदन सिंह और डॉक्टर एच के दास हैं, वहीं डॉ रामेश्वर प्रसाद डॉ विजय कुमार सिंह एवं डॉ रवि प्रकाश सलाहकार की भूमिका में है।
बिहार मेडिकल काउंसिल ने पूरे कार्यक्रम को 8 घंटे का क्रेडिट आवर प्रदान किया है। इस अवसर पर डॉ ओम प्रकाश और उनकी संपादक टीम डॉक्टर उत्सव राज, डॉक्टर कामोद झा एवं डॉक्टर पल्लवी के द्वारा एक स्मारिका का भी प्रकाशन किया गया है। दरभंगा में इस तरह का कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया गया है।