राज्य स्तरीय टीम ने सदर अस्पताल का दूसरी बार लिया जायजा
– एनेस्थीसिया, पीडिया, ऑपथल, व गायनी में हो सकती है पढ़ाई
-डीएनबी पाठ्यक्रम पूर्ण करनेवाले चिकित्सकों को डिप्लोमा की मिलती है डिग्री

#MNN@24X7 मधुबनी /23 जनवरी। जिलेवासियों को एक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी सौगात मिलने वाली है। सब कुछ ठीक रहा तो अब सदर अस्पताल में डीएनबी प्रशिक्षण संस्थान खुलेगा। कोर्स को लेकर सोमवार को राज्य स्तरीय 2 सदस्य टीम प्रभाकर सिन्हा और रितेश रुखरियाल ने सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया.

टीम के सदस्य ने बताया डीएनबी मास्टर डिग्री प्रोग्राम होता है। जिसे राज्य सरकार ने बिहार के विभिन्न जिलों में शुरू करने का योजना बनाया है जिसके तहत बिहार तथा बिहार से बाहर एमबीबीएस उत्तीर्ण छात्र जिले में पढ़ने आएंगे सिन्हा ने बताया 4 विभागों में टीम ने संभावना व्यक्त की जा सकती है जिसके तहत एनेस्थीसिया, पीडिया, ऑपथल(आँख), व गायनी में पढ़ाई हो सकती है. जिसकी डिग्री बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन देती है. इस कोर्स के लिए जिला अस्पताल में मानक निर्धारित किए गए हैं जिसके जांच के लिए टीम आई थी।

टीम जांच के क्रम में संतुष्ट दिखी तथा टीम के सदस्यों ने बताया यहां कोर्स संचालित किया जा सकता है। लेकिन जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी। उसके बाद अगले चरण में केंद्रीय टीम सदर अस्पताल का मूल्यांकन करेगी। उसी आधार पर डीएनबी कोर्स शुरू किया जाएगा. विदित हो कि पिछले कई वर्षों से सदर अस्पताल में डीएनबी पाठ्यक्रम संचालन को कवायद चल रही थी। लेकिन राज्यस्तरीय टीम के जाँच के साथ ही संस्थान के संचालन के लिए प्रयास शुरू कर दिया है। नतीजा है कि यह योजना अब धरातल पर कार्यान्वित होती दिख रही है।

अगले शैक्षणिक सत्र में हो सकती है पढ़ाई शुरू :

सिविल सर्जन डॉ. ऋषि कांत पांडे ने बताया अगले शैक्षणिक सत्र में डीएनबी की पढ़ाई की सुविधा सदर अस्पताल में शुरुआत करने की योजना है । अगले शैक्षणिक वर्ष से ही यहां पर पढ़ाई की शुरुआत करना हमारे लक्ष्य में शामिल है। हमलोग इस प्रयास को समय पर पूरा करने के लिए प्रयत्नशील हैं। ज्ञात हो कि डीएनबी पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जो डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एम.डी.) के समकक्ष होता है। इस कोर्स की अनुमति नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (एनबीई) द्वारा दी जाती है।

गठित की गई है कमेटी :

पाठ्यक्रम से संबंधित तैयारी व इसके संचालन के लिए एक टीम का गठन किया है। टीम में सिविल सर्जन, पाठ्यक्रम के निदेशक व स्वास्थ्य समिति के लेखा प्रबंधक को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। संस्थान में फिलहाल आठ नियुक्ति की जानी है। इसमें मेडिकल रिकॉर्ड रूम मैनेजर, लाइब्रेरियन, अकाउंटेंट एक-एक, डिपार्टमेंटल मैनेजर दो-दो, डाटा ऑपरेटर, चतुर्थवर्गीय व सुरक्षा गार्ड चार-चार शामिल हैं। यहां बता दें कि पाठ्यक्रम के संचालन के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही एनएचएम के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति को राशि हस्तांतरित कर दिया है। अब जल्द ही यह राशि जिला स्वास्थ्य समिति के मार्फत संस्थान को मिल सकेगी।

टीम के साथ अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, सहित अन्य कर्मी मौजूद थे.