विश्वविद्यालय के बेहतर नैक ग्रेड की प्राप्ति हम सबकी जिम्मेदारी, जिसके लिए पूर्ण एवं सकारात्मक सहयोग अनिवार्य- कुलपति।
#MNN@24X7 दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में नैक के निरीक्षण की तैयारी के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में आयोजित की गई, जिसमें वित्तीय परामर्शी डा दिलीप कुमार, आईक्यूएसी निर्देशक डा मो ज्या हैदर सहित सभी पदाधिकारी एवं उनके एक- एक सक्रिय कर्मियों ने भाग लिया।
कुलपति ने उम्मीद की कि सभी विभागों की नैक तैयारी हो गई होगी, तथापि उन्होंने सभी पदाधिकारियों से अलग- अलग बातें कर उनकी समस्याओं को सुनकर त्वरित निदान की बात कही। बैठक में प्रो विजय कुमार यादव, प्रो अजयनाथ झा, प्रो अरुण कुमार सिंह, प्रो अशोक कुमार मेहता, प्रो दमन कुमार झा, डा आनंद मोहन मिश्र, डा सुरेश पासवान, डा दिव्या रानी हंसदा, डा सोनी सिंह, डा कामेश्वर पासवान, मो इकबाल आदि के प्रश्नों का कुलपति ने उत्तर दिया।
अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति ने कहा कि आसन्न नैक निरीक्षण को ध्यान में रखते हुए विभाग के स्तर पर सभी समस्याओं का निदान समय से पूर्व उचित ढंग से कर लें, क्योंकि अब हमारे पास काफी कम समय बचा है। नैक का स्कोर सभी छोटी- बड़ी बातों के लिए प्राप्त अंकों को जोड़कर किया जाता है। अपने विभाग को स्वच्छ एवं सुव्यवस्थित रखें तथा अनुपयोगी सामानों पर लिखित स्लिप लगाकर उचित जगह पर रख दें।
उन्होंने कहा कि नैक टीम प्रत्येक विभाग से पूछेगी कि विभाग क्या- क्या काम करता है और कैसे करता है? टीम के सभी प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर देना आवश्यक है। विश्वविद्यालय परिसर को नीट एंड क्लीन बनाने की जिम्मेदारी भू संपदा तथा इंजीनियरिंग विभाग को दी गई।
कुलपति ने कहा कि बेहतर नैक ग्रेड की प्राप्ति हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसके लिए सबका पूर्ण एवं सकारात्मक सहयोग अनिवार्य है। अब नैक निरीक्षण को लेकर हमलोगों के पास काफी कम समय बचा है। पदाधिकारी अपने विभाग के कार्यों एवं जिम्मेवारियों को आपस में बांट दें। किसी भी प्रकार की कठिनाई हो तो दूसरों से सहयोग ले सकते हैं।
वित्तीय परामर्शीय डा दिलीप कुमार ने कहा कि नैक संबंधी फाइलों में नैक का, ताकि फाइल कहीं नहीं रूके। समस्याओं का नियमानुकूल स्थायी निदान किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य के भुगतान के लिए संचिका नियम के अनुसार ही आगे बढ़ाएं, अन्यथा हमें भुगतान में कठिनाई होगी।
संचालन एवं स्वागत प्रो अशोक कुमार मेहता ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन आइक्यूएसी निदेशक डा मो ज्या हैदर ने किया।