#MNN@24X7 पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान संस्थान ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के बीलिस सत्र 2022- 23 के छात्र छात्राओं के द्वारा बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के 67 वीं महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण समापन पखवारा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता संस्थान के निदेशक प्रोफेसर दमन कुमार झा ने किया।

अपने अध्यक्षीय भाषण में श्री झा ने कहा डॉक्टर अंबेडकर साहब संविधान निर्माता के साथ-साथ भारत के प्रणेता भी थे, उन्होंने महिला,श्रमिक , दलित- शोषित समाज को एक सूत्र में लाने का प्रयास किया। उन्होंने हमेशा समानता कि बात की।अधिकार और कर्तव्य का पाठ पढ़ाया। मुख्य अतिथि के आसन से बोलते हुए प्रोफेसर अशोक कुमार मेहता, निदेशक दूरस्थ शिक्षा निदेशालय ने कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय कार्य है, इससे वातावरण में शुद्धता और पर्यावरण संतुलन बना रहता है। खासकर ऐसे महान विभूति जो संपूर्ण विश्व को अपना लोहा मनवाने का कार्य किए वह महान पुरुष डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की इस पुण्यतिथि पर शत-शत नमन करता हूं, जिन्होंने भारत देश को एक नई दिशा देने का कार्य किए।

समारोह के विशिष्ट अतिथि आइक्यूएसी के निदेशक डॉ जिया हैदर ने कहा कि आधुनिक भारत में डॉ आंबेडकर की अग्रणी भूमिका रही है, जिन्होंने समाज के अंतिम व्यक्ति को समानता का अधिकार दिलाया और भारत में एक मजबूत संविधान देने का कार्य किए। उन्होंने वृक्षारोपण को और अधिक पैमाने पर लगाने पर बल दिया। इससे पूर्व छात्र-छात्राओं के बीच भाषण प्रतियोगिता आ आयोजन किया गया, जिसका विषय था — ‘आधुनिक भारत में डॉक्टर अंबेडकर की भूमिका’। इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार दिव्या कुमारी, द्वितीय कुंदन कुमार झा और तृतीय चंदन कुमार गौतम को कार्यक्रम के दौरान सम्मानित कर दिया गया।

कार्यक्रम के सफल संचालन में संस्थान के विद्यार्थियों का सहयोग सराहनीय था। ख़ासकर मेघा, मनमोहन, दीपक, राजश्री, गौरव,कुणाल, रोहित श्रीवास्तव, प्रशांत सतीश, सुभाष, चंदन राजेश मिश्रा ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इस सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन संस्थान के शिक्षक एवं इस कार्यक्रम के संयोजक श्री मिथिलेश कुमार पासवान ने किया। आरम्भ में सभी अतिथियों को गुलाब का फूल देकर सम्मनित किया गया।

इस अवसर पर शिक्षक गंगा राम प्रसाद, गोपाल कृष्ण झा, ने भी अपने अपने विचार रखे। इसके अलावे शिक्षकेतरकर्मी शंभू दास, कुमारी प्रीति श्रीवास्तव, लाल बाबू यादव इत्यादि का सहयोग सराहनीय रहा। धन्यवाद ज्ञापन रंजीत कुमार महतो ने किया।