MNN24X7 पटना। कैग रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि चार घोटाला के समान ही बिहार में बालू घोटाला हुआ हैं। इस दफा स्कूटर पर सांड तो नही किंतु बाइक पर बालू ढोने का मामला सामने आया हैं।

बिहार में बहुचर्चित चारा घोटाला में यह बात सामने आई थी कि स्कूटर पर सांड ढोया गया. लालू यादव के मुख्यमंत्री रहने के दौरान सन 1990 के दशक में चारा घोटाला हुआ. इसकी फ़ांस में लालू यादव ऐसे फंसे कि वे आज तक सजायाफ्ता हैं. लेकिन एक बार फिर से बिहार में अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन कल में चारा घोटाला के जैसा ही मामला सामने आया है. जैसे लालू राज में स्कूटर पर सांड ढोया गया तो वैसे ही नीतीश सरकार में बाइक पर बालू ढोने का खुलासा हुआ है. 

नीतीश सरकार में हुए इस फर्जीवाड़े का खुलासे कैग की रिपोर्ट में उजागर हुआ है. विधानमंडल में 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वर्ष की भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पेश की गई है. इसमें कहा गया कि बिहार में बालू और खनिज की अलग-अलग अनियमितता के कारण राज्य सरकार को 335.79 करोड़ का नुकसान हुआ है. इतना ही नहीं रिपोर्ट में चौंकाने वाले मामले उजागर हुए हैं उसमें एंबुलेंस, बस, ऑटो रिक्शा, कार और बाइक से बालू ढोने की बात सामने आई है. 

कैग की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 से 2021 के दौरान सैंपल के रूप में 14 जिलों में ई चालान के डाटा का सत्यापन किया गया. इसमें बालू और दूसरे खनिजों की ढुलाई के लिए कुल 2,43,811 ई चालान बनाए गए थे. लेकिन, इसमें 46,935 ई चालान एंबुलेंस, बस, ऑटो रिक्शा, कार और बाइक के थे. यानी इन वाहनों का उपयोग बालू और अन्य खनिजों की ढुलाई के लिए किया गया.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 35,262 ई चालानों में 588 मोटरसाइकिल, बस व तिपहिया आदि के थे. वहीं ठेकेदारों द्वारा 140 फर्जी ई चालान दिए गए थे. फर्जीवाड़ा इतना तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि एक ही दिन में कई-कई बार वाहनों का इस्तेमाल ढुलाई के लिए किया गया. इसमें एक दिन में एक कार ने 139 बार बालू ढोया तो एक मोटरसाइकिल का परिवहन में 181 बार तो मैक्सी कैब का 11 से 715 फेरा तक दिखाया गया.