#MNN@24X7 दरभंगा, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला शाखा दरभंगा द्वारा कर्मचारी महासंघ भवन लहेरियासराय में महान स्वतंत्रता सेनानी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय जगजीवन राम की 116 वीं जन्म दिवस के अवसर पर उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।

इस अवसर पर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री फूल कुमार झा ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वर्गीय जगजीवन बाबू ने देश कि आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका निभाया।

वे समाज सुधारक थे, उन्होंने हाई स्कूल के शिक्षा के दरमियान ही छुआ-छूत के विरुद्ध संघर्ष किया। क्योंकि विद्यालय में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए पानी पीने के लिए अलग से घड़ा की व्यवस्था की गई थी, जिसे उन्होंने फोड़ दिया वे 1937 ई. में ही स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बिहार विधानसभा में शाहाबाद क्षेत्र से निर्विरोध सदस्य निर्वाचित हुए।

1946 में कांग्रेस से निर्विरोध निर्वाचित होकर अंतरिम सरकार में श्रम मंत्री बनाए गए थे, उस समय अंतरिम सरकार में बिहार से मात्र दो मंत्री थे, डॉ. राजेंद्र प्रसाद एवं जगजीवन राम वह 8 बार सांसद सदस्य रहे, अपने 50 वर्ष के संसदीय जीवन में चार-चार प्रधानमंत्री के साथ कार्य किया।

जब 1971 में भारत एवं पाकिस्तान का युद्ध हुआ था तो उस समय वह देश के प्रति रक्षा मंत्री थे, अपनी कला और कौशल से पाकिस्तान को परास्त कर आया था एवं पाकिस्तान को दो भाग में बांटकर बांग्लादेश बनवाया था। जग-जीवन बाबू ओजस्वी वक्ता थे, वे हिंदी,अंग्रेजी, उर्दू बांग्ला एवं भोजपुरी में धाराप्रवाह बोलते थे।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति को उन्नति में आरक्षण जगजीवन बाबू के द्वारा ही प्रावधान कराया गया था। जगजीवन बाबू महान विचारक भविष्य दृष्टा और ऋषि राजनेता थे।

इस अवसर पर फकीरा पासवान, अरविंद कुमार राय, ताराकांत पाठक, राजेंद्र राम, मो. ईशा खां, राजदेव यादव, राम बहादुर पासवान, परमेश्वर राम, सीताराम पासवान, आदि कर्मचारी नेता उपस्थित थे।

नेताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि दलितों के हितों में ही नहीं वरन राष्ट्रीय हितों के लिए जगजीवन बाबू का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। लोग प्रेम से उन्हें बाबूजी कहते थे।

कार्यक्रम के अंत में जगजीवन राम अमर रहे नारों के साथ कार्यवाही समाप्त की गई।