दरभंगा,13 दिसम्बर, प्रबंध निदेशक (आत्मा), दरभंगा पुर्णेन्दू नाथ झा ने जानकारी देते हुए बताया कि मखाना प्रसंस्करण के क्षेत्र में दरभंगा जिले ने एक और उपलब्धि हासिल की है।   
        
दरभंगा जिला के 15 किसानों को केन्द्रीय कटाई-उपरान्त अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीफेट), लुधियाना, पंजाब में पाँच दिवसीय प्रशिक्षण दिलवाया गया है।

उल्लेखनीय है कि मखाना की कटाई एवं प्रसंस्करण एक कठिन और श्रम साध्य कार्य माना जाता है।

मखाना के कटाई और प्रसंस्करण के लिए पारंपारिक तरीकों का प्रयोग अत्यधिक श्रम साध्य एवं समय लेने वाले के साथ-साथ खतरनाक भी है।

आधुनिक तकनीक से कुशलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से बिना किसी मेहनत के मखाना का प्रसंस्करण किया जा सकता है।
    
उल्लेखनीय है कि भुना हुआ मखाना स्नेक के रूप में प्रयोग किया जाता है, इससे विभिन्न प्रकार के स्नेक बनाया जा सकता है।
      
मखाने का आटा, मखाना खीर, मखाना बेबी फूड, मखाना रेडी टू ईट ब्रेकफास्ट, मखाना एक्स-ट्रू स्नेक, मखाना चिकी, मखाना लड्डू एवं मखाना बर्फी बनाने के तरीके से किसानों को अवगत कराया गया।
     
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले किसान अब यहाँ के किसानों को मखाना प्रसंस्करण के आधुनिक तकनीक से अवगत कराएगें। इसके साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी किसानों को प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया गया।
 
गौरतलब है कि सभी किसानों ने लुधियाना – सीफेट में मखाना प्रोसेसिंग से लेकर पैकेजिंग तक का प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिससे अब मखाना का व्यापार अंरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मानक स्तर का हो सकता है।
 
प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों किसानों में दरभंगा सदर प्रखण्ड के श्रवण कुमार राय, अमरेन्द्र कुमार, मंगल प्रदीप एवं राम मुर्ति रमण, बेनीपुर प्रखण्ड के राजेश सहनी, जाले प्रखण्ड के धीरेन्द्र कुमार, केशवेन्द्र प्रताप ठाकुर एवं गोपी कृष्ण ठाकुर बिरौल प्रखण्ड के विपिन कुमार भास्कर, केवटी प्रखण्ड के राम कुमार साहु एवं पवन कुमार राय, बहादुरपुर प्रखण्ड के महेश मुखिया एवं सुधीर कुमार मुखिया, मनीगाछी प्रखण्ड के राजीव रंजन झा शामिल है। वहीं टीम लीडर के रूप में रोहित कुमार सिंह शामिल हैं।