#MNN@24X7 दरभंगा, 20 फरवरी, दरभंगा, समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर सभागार में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गयी।
 
सर्वप्रथम बैठक में विगत बैठक के अनुपालन प्रतिवेदन से अवगत कराते हुए सहायक निदेशक (बाल संरक्षण) नेहा नुपूर ने बताया गया कि पर्यवेक्षण गृह एवं बाल गृह में संगीत शिक्षक, कम्प्यूटर शिक्षक की प्रतिनियुक्ति का आदेश दिया गया था, जिसका अनुपालन लंबित है।
 
जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को सप्ताह में दो दिन एक संगीत शिक्षक एवं एक कम्प्यूटर शिक्षक की प्रतिनियुक्ति पर्यवेक्षण गृह में करने का आदेश दिया।
 
उन्होंने पोलटेकनिक कॉलेज के प्राचार्य से सम्पर्क कर कौशल विकास के लिए प्रशिक्षक की प्रतिनियुक्ति कराने का निर्देश सहायक निदेशक (बाल संरक्षण) को दिया।
 
बैठक में बताया गया कि पर्यवेक्षण गृह की सुरक्षा घेरा को और मजबूत करने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने अपने पिछले भ्रमण के अवलोकन के आधार पर भवन निर्माण विभाग के अभियंता को पर्यवेक्षण गृह के चारों ओर घुमावदार फेंसिंग लगवाने तथा पर्यवेक्षण गृह का स्वंय भ्रमण कर उसकी मरम्मति का प्राक्कलन बनाने का निर्देश दिया।
 
जिलाधिकारी द्वारा बिजली शार्ट सर्किट की समस्या की जाँच करवाने का निर्देश सहायक निदेशक (बाल संरक्षण) एवं सहायक अभियंता (विद्युत) को दिया गया।
      
बैठक में पर्यवेक्षण गृह के सुनवाई स्थल के समीप अभिभावकों के बैठने के लिए शेड की व्यवस्था तथा उसमें पंखा, उसके समीप शौचाल बनवाने का निर्देश दिया गया।
 
बताया गया कि जघन्य अपराध वाले बच्चों का मनोदशा ठीक करने के लिए मनोविज्ञान चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति की आवश्यकता है। जिलाधिकारी द्वारा विभाग के स्तर से प्रतिनियुक्ति करवाने का निर्देश दिया गया।
 
बताया गया कि प्रत्येक प्रखण्ड में बाल संरक्षण समिति बनाया गया है, जिसके सचिव संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी होते हैं, लेकिन सभी प्रखण्डों से मासिक बैठक की कार्यवाही प्राप्त नहीं हो रही है।
 
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समेकित बाल विकास परियोजना) डॉ रश्मि वर्मा को अपने स्तर से कार्यवाही माँगकर जिला बाल संरक्षण समिति को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
 
श्रीमती नूपूर ने बताया कि प्रखण्डों में दत्तक ग्रहण के संबंध में बनाए गए कानून का प्रचार-प्रसार स्वास्थ्य विभाग की बैठक में आशा व ए एन एम के माध्यम से करवायी जानी चाहिए।
 
बैठक में आर.टी.ई. के अन्तर्गत पर्यवेक्षण एवं बाल गृह के बच्चों के दाखिला के संबंध में भी विचार-विमर्श किया गया।
 
किशोर न्याय परिषद की समीक्षा में पाया गया कि उनके यहाँ 536 मामले, जिनमें 16 छोटे अपराध, 257 गंभीर अपराध एवं 262 जघन्य अपराध के मामले लंबित हैं। फरवरी माह में 11 मामले निष्पादित किये गए हैं।
 
जिलाधिकारी ने कहा कि मामलों के निष्पादन की संख्या अपेक्षाकृतत कम हैं। उन्होंने मामलों के निष्पादन की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।
 
बाल कल्याण समिति,दरभंगा की समीक्षा में पाया गया कि उनके यहाँ 38 मामले लंबित हैं। वर्तमान माह में 08 मामले निष्पादित किये गये हैं। कारण पुछने पर बताया गया कि अभिभावक के नहीं आने तथा बच्चों के नहीं ले जाने के कारण मामले लंबित हैं।
 
वृहद आश्रय स्थल के निर्माण के संबंध में भवन निर्माण विभाग ने बताया कि भराठी में 06 भवन का निर्माण कार्य जारी है। 08 जून 2023 तक निर्माण कार्य पूर्ण कराने की तिथि निर्धारित है। ससमय भवन निर्माण करा लिया जाएगां
 
उल्लेखनीय है कि 100 बालक एवं 100 बालिका क्षमता वाला वृह्द आश्रय गृह का निर्माण करवाया जा रहा है।
 
सहायक निदेशक (बाल संरक्षण) ने बताया कि जिला बाल संरक्षण द्वारा परवरिश योजना के अन्तर्गत प्राप्त 1023 आवेदनों के विरूद्ध 694 लाभुकों को लाभान्वित किया गया है। प्रायोजन योजना के तहत 41 लाभुकों को लाभान्वित किया गया है। बाल सहायता योजना के तहत कोविड-19 से प्रभावित 02 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है।
 
बैठक में चाइल्ड लाइन सलाहकार पार्षद के दूरभाष संख्या – 1098 का प्रचार-प्रसार के लिए स्टीकर सटवाने का निर्देश दिया गया।
 
बैठक में जिला परिषद् अध्यक्ष श्रीमती रेणु देवी, अपर जिला सत्र न्यायाधीश-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार दीपक कुमार, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, श्रम अधीक्षक राकेश कुमार, किशोर न्याय परिषद के अध्यक्ष अजीत मिश्र, सदस्य गुंजन कुमारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार झा, सदस्य रेणु कुमारी, इन्द्रा कुमारी, चाइल्ड लाईन केन्द्र समन्वयक अराधना कुमारी, बाल गृह के अधीक्षक दीपक कुमार सिंह, पर्यवेक्षण गृह के अधीक्षक शशिकान्त सिंह, महिला संरक्षण पदाधिकारी अजमातून निशा, महिला थाना के थानाध्यक्ष नुसरत जहाँ उपस्थित थे।