#MNN@24X7 दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के एनएसएस कोषांग के तत्वावधान में ग्राम -ननौरा प्रखंड केवटी में पांच दिवसीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आज चौथा दिन कुल- 30 टीबी के संभावित मरीजों का सर्वेक्षण किया गया। ये मरीज पूर्व में विभिन्न कॉलेजों के स्वयंसेवकों द्वारा टीबी मरीज के रूप में चिह्नित थे, आज उन्हीं मरीजों का पुनः सर्वेक्षण करके उन्हें टीबी के वास्तविक मरीज के रूप में सत्यापित किया गया।

सर्वेक्षण कार्य का नेतृत्व करते हुए विश्वविद्यालय एनएसएस कोषांग के समन्वयक डॉ विनोद कुमार बैठा ने बताया कि ग्राम ननौरा के इन मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न सुविधाएं, परामर्श एवं आवश्यक खाद्य सामग्री विश्वविद्यालय एवं भारत सरकार के द्वारा दी जाएगी और पूरे भारतवर्ष में टीबी उन्मूलन कार्य संपन्न किया जाएगा। उन्होंने इस कार्यक्रम में सम्मिलित सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों एवं ग्रामीण जनों व स्वयंसेवकों सहित टीबी के मरीजों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और एकजुट होकर के सर्वेक्षण कार्य किया।

सर्वेक्षण में सी एम कॉलेज, दरभंगा के एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी अखिलेश कुमार राठौर ने चिह्नित मरीजों को स्वयं सत्यापित किया। उनके नाम, पिता का नाम, उम्र, वार्ड एवं अन्य आवश्यक जानकारी अपने सरकारी दस्तावेज में दर्ज किया, जिससे कि विश्वविद्यालय में उन मरीजों का विवरण प्रस्तुत हो सके और स्वास्थ्य विभाग एवं भारत सरकार को मरीजों की वास्तविक जानकारी प्रेषित हो सके। राठौर ने ग्रामीण नागरिकों एवं अपने स्वयंसेवकों के सहयोग से कुल – 30 मरीजों को टीबी उन्मूलन संबंधी परामर्श दिया एवं उनके साथ स्वयं गांव के प्रत्येक वार्ड में सर्वेक्षण किया।

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इस अवसर पर एमआरएम कालेज की एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ शगुफ्ता खानम ने कहा कि हम सब मिलजुलकर विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार कार्य कर रहे हैं, ग्रामीण जनों के सहयोग से यह कार्य संपन्न हो रहा है। टीबी के मरीजों को पहचानना और उनका इलाज करना ही टीबी मुक्त भारत बनाना है।

सर्वेक्षण के दौरान मारवाड़ी कॉलेज की कार्यक्रम पदाधिकारी (एनएसएस इकाई) डॉ सुनीता कुमारी ने सर्वेक्षण में स्वयंसेवकों के साथ मरीज की जांच एवं सत्यापन कार्य में ग्राम एवं टोला-टोला में भ्रमण किया और इस कार्य के लिए कार्य के लिए विश्वविद्यालय एवं सर्वेक्षण टोली सहित स्वयंसेवकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और ग्रामीण जनों को भी इस कार्य में अपनी सहयोग के लिए बधाई दी।

ग्राम ननौरा के पूर्व प्रखंड प्रमुख भोला साहू ने मरीजों को पहचानने एवं वार्ड के सत्यापन करने में अपनी भूमिका निभाई और कहा कि यह सर्वे ग्राम ननौरा को रोग मुक्त ग्राम बनाने की दिशा में सफल प्रयास है। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया

ग्राम ननोरा के मुखिया रंजुला देवी ने इस कार्य में संलग्न सभी पदाधिकारियों एवं स्वयंसेवकों से कहा कि जो भी सरकारी दस्तावेज यहॉं से सरकारी विवरण के रूप में जाएंगे, उससे हमारे गांव के स्वास्थ्य विषय में सुधार होगा और गांव के नागरिक टीबी उन्मूलन संबंधी विभिन्न जानकारी से लाभान्वित होंगे।

आरबी जलन कॉलेज के शिक्षक एसएन राय जी ने सर्वेक्षण कार्य में सहयोग दिया और गांव के आम नागरिकों से वार्तालाप करके टीबी मरीजों को पहचानने में सहायता की।

इस अवसर पर मारवाड़ी कॉलेज के स्वयंसेवक हंस लाल कुमार, अमरजीत कुमार, आदित्य झा, महात्मा गांधी कॉलेज के स्वयंसेवक मनोज कुमार मिश्रा, मोहम्मद अहसान, चांदनी कुमारी, रेखा कुमारी, एवं नेहा कुमारी, एमआरएम कॉलेज से गुंजन कुमारी, प्रतिभा कुमारी, विशाखा कुमारी, छोटी कुमारी, सीएम कॉलेज, दरभंगा से अमरजीत कुमार, दीपक शर्मा, प्रभास कुमार सहित गांव के अनेक गणमान्य नागरिक सर्वेक्षण में सहयोगी बने और अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को सफल बनाया।