◆जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सुनाया निर्णय।

#MNN@24X7 पूर्वी चंपारण। महंथ जयनारायण पूरी उच्च विद्यालय सिरौना में वरीयता को ले उत्पन्न विवाद के प्रथम अध्याय का फिलहाल पटाक्षेप हो गया है।एक माध्यमिक शिक्षक राज किशोर को प्रभारी प्रधानाध्यापक घोषीत किया गया हैं।

जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने मंगलवार को उक्त मामले में परिवाद की सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुना दिया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण व विद्यालय में योगदान की तिथि के आधार पर महंथ जयनारायन पुरी राजकियकृत उच्चत्तर मध्ययमिक विद्यालय, सिरौना के प्रभारी प्रधानाध्यापक राज किशोर ही होंगे। इस संबंध में पूर्व में जारी आदेश को ही लागू माना गया हैं।

जिला शिक्षा पदाधिकारी, मोतिहारी के कार्यालय में विद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष भारतेंद्र प्रसाद सिंह ने लगभग एक माह पूर्व एक परिवाद दायर कर विद्यालय के शिक्षकों की वरीयता का निर्धारण करते हुए नियमानुकूल विद्यालय संचालन की मांग जिला शिक्षा पदाधिकारी से किया था। इसके आलोक में लगभग एक माह पूर्व ही जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक राज किशोर को वरीय मानते हुए विद्यालय का प्रभारी घोषीत किया गया था। जिला शिक्षा पदाधिकारी के इस निर्णय को निवर्तमान प्रभारी प्रधानाध्यापक व जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक संजीव कुमार तिवारी ने उन्ही के कार्यालय में चुनौती दी थी कि वे पीजीटी हैं।

जांच के दौरान पाया गया कि विद्यालय में एक मात्र पीजीटी अभाष कुमार ही हैं जो कि अभी दो वर्षों तक परीक्षामान/नवनियुक्त शिक्षक की श्रेणी में आते हैं। परिणामतः वरीय मध्ययमिक शिक्षक राज किशोर को ही अगले आदेश तक प्रभारी माना गया है। साथ ही तिवारी को आदेश दिया गया हैं कि वे अविलंब प्रभार राज किशोर को हस्तगत कराये। इसको ले एक और आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जारी कर दिया है। मालूम हो कि श्री किशोर जिला शिक्षा पदाधिकारी से लिखित शिकायत किये थे कि विभागीय आदेश के बाबजूद भी उन्हें विद्यालय का प्रभार नहीं सौपा जा रहा है।

दूसरी ओर अपनी वरीयता के निर्धारण को ले विद्यालय के जिला परिषद शिक्षक धर्मेश कुमार ने भी पूर्व में एक परिवाद दायर किया हुआ था। जबकि, भूमि दाता सदस्य महंथ गौरी शंकर पूरी ने निवर्तमान प्रभारी प्रधानाध्यापक संजीव कुमार तिवारी के कार्यकाल में विद्यालय में व्याप्त घोर अनियमितता को ले जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष एक परिवाद दायर किया हुआ हैं। इस मामले में निर्णय आना अभी शेष हैं।