जयंती पर लोकप्रिय नेता को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

@MNN24X7 मिथिला के बेटा, देश के नेता, अर्थशास्त्र के प्रणेता एवं स्वतंत्रता आन्दोलन के प्रतीक शहीद ललित नारायण मिश्र के कृतित्व एवं व्यक्तित्व का प्रभाव मिथिला से लेकर देश- विदेश में फैला हुआ था। उक्त बातें विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने वृहस्पतिवार को विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित ललित जयंती समारोह में कही। मौके पर डाॅ बैजू ने ललित नारायण मिश्र को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की जोरदार मांग एक बार फिर की। जिसका उपस्थित लोगों ने ध्वनिमत से समर्थन किया।

जयंती समारोह की अध्यक्षता करते हुए मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने कहा कि ललित बाबू जाति व धर्म की राजनीति से काफी ऊपर थे इसलिए ना सिर्फ लोकप्रिय थे, बल्कि अपने समय में सर्वमान्य नेता के रूप में प्रतिष्ठित भी हुए। प्रवीण कुमार झा ने अपना विचार रखते हुए ललित बाबू की हत्या के करीब 48 साल बीत जाने के बाद भी उनकी हत्या के रहस्य से पर्दा नहीं उठने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इतना लम्बा समय बीत जाने के बाद भी मिथिला के इस दुखद और संवेदनशील राजनीतिक हत्या का रहस्य अभी भी बने रहना चिंता व निन्दा का विषय है। उन्होंने लोकतंत्र में जनशक्ति को महाशक्ति बताते हुए इस रहस्य से पर्दा उठाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करने का आह्वान किया।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की सिंडिकेट सदस्य मीना झा ने ललित बाबू के द्वारा विभिन्न मंत्रालयों में दिए गए योगदानों सहित मिथिला, बिहार व देश के विकास के लिए किए गए उनके महत्वपूर्ण कार्यों की विस्तार से चर्चा की। दुर्गा नंद झा ने भारत रत्न सम्मान पाने का ललित बाबू को वाजिब हकदार करार दिया। प्रो चन्द्र शेखर झा बूढाभाई ने कहा कि ललित बाबू भारतीय राजनीति में साफ-सुथरी छवि वाले कद्दावर नेता थे, जिन्हें राजनीति में लाने का श्रेय बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ श्री कृष्ण सिंह को जाता है।

समारोह में डाॅ गणेश कांत झा, डॉ चन्द्रमोहन झा पड़वा, पंकज झा, आशीष चौधरी, चन्दन सिंह, नवल किशोर झा, राजन झा आदि ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। कार्यक्रम में ललित बाबू के साथ शहीद हुए तत्कालीन एमएलसी सर्व नारायण झा के प्रति भी संवेदना प्रकट की गई।