4 दिसंबर को पटना के गांधी मैदान से राजभवन तक पैदल मार्च करने का निर्णय एमएसयू।

#MNN@24X7 एमएसयू के केवटी प्रखंड मुख्यालय स्थित कार्यालय से शनिवार जिला सचिव प्रवीण कुमार झा ने एक प्रेस बयान जारी किया। जिसमें आगामी 4 दिसंबर को मिथिला राज्य के मुद्दे को लेकर गांधी मैदान से राजभवन तक पैदल मार्च करने का निर्णय लिया गया। इस संदर्भ में 15 नवंबर से 25 नवंबर तक 10 लाख मैथिल के बीच व्यापक स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर समर्थन जुटाने का अभियान चलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भौगोलिक आर्थिक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से मिथिला एक राज्य बनने की सारी अहर्ता पुरा करता है। लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि आजादी के बाद से ही इसे राज्य का दर्जा प्रदान नहीं किया गया। परिणाम स्वरूप स्वतंत्रता के पूर्व तथा बाद के कुछ वर्षों में जो इसका आर्थिक ढांचा था वह धीरे-धीरे नष्ट हो गया। शोषण तथा उपेक्षा इतनी बढ़ती गई कि सारे उद्योग धंधे समाप्त हो गए तथा उससे संबंधित कृषि का विनाश होता गया। प्रतिवर्ष बाढ़ अकाल के तांडव तथा राजनेताओं के खोखले आश्वासन चलावे एवं शोषण यहां की नियति बन गई है।

अतः अगर शोषण तथा विकास को आधार मानकर राज्यों का निर्माण होता रहा है तो भी मिथिला राज्य का निर्माण समय की मांग है। अलग मिथिला राज्य के बाद से ही इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास की बात सोची जा सकती है।कृषि औद्योगिक विकास पर्यटन शिक्षा एवं संस्कृति के विकास से ही इस क्षेत्र की दुर्दशा तथा बेरोजगारी का अंत तथा लोगों का अन्य प्रदेशों में पलायन रुक सकता है।

उन्होंने कहा कि मिथिला के सर्वांगीण उत्थान का एकमात्र विकल्प अलग मिथिला राज्य है। आज मिथिला के लोग रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में पलायन कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों में पटना में 55 ओवर ब्रिज बना है। लेकिन उत्तर बिहार मिथिला क्षेत्र की दशा और दिशा है किसी से छुपा नहीं है। एक ओवर ब्रिज के लिए मिथिला क्षेत्र के विभिन्न जिला तरस रहा है। इन्हीं सब मुद्दों के साथ यह मगहिया नीति के खिलाफ 4 दिसंबर को हजारों की संख्या में पटना राजभवन की ओर कूच किया जाएगा