#MNN@24X7 दरभंगा, डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान संकाय के परास्नातक छात्र एवं छात्राओं ने अपने प्राध्यापक के साथ कृषि विज्ञान केंद्र जाले दरभंगा में चल रही विभिन्न परियोजनाओं अथवा नवीन तकनीकों के बारे में जानकारी ली तथा उसका अवलोकन किया।

कृषि विज्ञान केंद्र जाले की उपलब्धियां दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है बीते दिन डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के 9 छात्र एवं छात्राओं ने केंद्र के द्वारा बताई जा रही नई-नई तकनीकों का अवलोकन किसानों के खेतों में जाकर के किया। डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान संकाय के प्राध्यापक डॉ पूनम कुमारी ने बताया की सभी छात्रों को कृषि विज्ञान केंद्र जाले लाने का मुख्य उद्देश्य प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बारे में अवगत कराना है।

उन्होंने बताया की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण विश्वविद्यालयों,व्यवसायों और सरकारों के बीच औपचारिक या अनौपचारिक रूप से, कौशल, ज्ञान, प्रौद्योगिकियों, निर्माण विधियों और अधिक साझा करने के लिए होता है। ज्ञान हस्तांतरण का यह रूप यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि वैज्ञानिक और तकनीकी विकास उपयोगकर्ताओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए उपलब्ध हैं जो इसके विकास या दोहन में मदद कर सकते हैं। यह स्थानांतरण विभिन्न क्षेत्रों में क्षैतिज रूप से या लंबवत रूप से चलती प्रौद्योगिकियों द्वारा हो सकता है, उदाहरण के लिए, अनुसंधान केंद्रों से अनुसंधान और विकास टीमों तक।

कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष व वरीय वैज्ञानिक डॉ दिव्यांशु शेखर ने सभी छात्रों को कृषि विज्ञान केंद्र के विभिन्न इकाइयों अथवा उनके अध्ययन संबंधित बहुमूल्य जानकारी सभी विद्यार्थियों के साथ साझा की उन्होंने बताया विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली सही तकनीकों के बारे में सकुशल जानना है तो किसानों के खेतों पर जाकर उन्हें देखना होगा तभी वे कृषि में इस्तेमाल की जाने वाली सभी नूतन तकनीकों के बारे में अच्छी जानकारी हासिल कर सकते हैं। उन्होंने सभी परास्नातक छात्र एवं छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की।

केंद्र के विशेषज्ञ डॉक्टर गौतम कुणाल एवं डॉ जगपाल ने सभी छात्रों को कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा जलवायु अनुकूल कृषि परियोजना अंतर्गत चयनित ग्राम शाहपुर में चल रही ग्रीष्मकालीन मूंग की सुन्य जुताई द्वारा बोई जाने वाली विधि एवं पान की खेती दिखाया। इसके पश्चात उन्होंने सभी छात्रों को बेलवारा ग्राम के उन्नत किसान धीरेंद्र कुमार से मिलवाया वहां उन्होंने मखाना संबंधित बहुमूल्य एवं बहुतायत जानकारी प्राप्त की।