#MNN@24X7 मिथिला- मैथिली के इतिहास पुरुष आचार्य सुरेंद्र झा सुमन की जयंती पर शुक्रवार को विद्यापति सेवा संस्थान की ओर से उन्हें कृतज्ञ नमन किया गया। मौके पर अपने संबोधन में पूर्व विधान पार्षद प्रो दिलीप कुमार चौधरी ने कहा कि सुरेंद्र झा सुमन का मिथिला के सामाजिक एवं राजनीतिक विकास में न सिर्फ अभूतपूर्व योगदान रहा बल्कि उनके द्वारा कायम आदर्श के प्रतिमान आज भी काफी महत्व रखते हैं।

विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डाॅ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने अपने आनलाइन संबोधन में आचार्य सुरेंद्र झा सुमन को ऐतिहासिक महापुरुष बताते हुए एक आम मैथिल, साहित्यकार, विधायक और एक सांसद के रूप में उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सही मायने में सुमन जी मैथिली के अमर साहित्यकार एवं कुशल राजनीतिज्ञ थे।

मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने कहा कि वह सही मायने में महाकवि थे, जिनके मुख से मातृभाषा मैथिली के प्रति सदैव प्यार व दुलार प्रस्फुटित होता था। वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा ने आचार्य सुमन पर केन्द्रित कविता का पाठ करते हुए उन्हें मैथिली साहित्य का महान सौंदर्योपासक व महान राष्ट्र भक्त करार दिया।

संस्थान के मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने आचार्य सुरेंद्र झा सुमन रचित शिव पंचाक्षर स्तोत्र की चर्चा करते हुए कहा कि देवों के देव महादेव की महिमा का वर्णन करती सुमन जी की यह रचना भारतीय साहित्य की अनुपम, अद्वितीय और अद्भुत कृति है। इस अवसर पर डा उदय कांत मिश्र, विनोद कुमार झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, डा गणेश कांत झा, हरि किशोर चौधरी, दुर्गा नन्द झा, आशीष चौधरी, गिरधारी झा, मिथिलेश मिश्र, रामाज्ञा झा, नवल किशोर झा आदि ने भी आचार्य सुमन को भावपूर्ण स्मरण किया।