विश्वविद्यालय अपने शोध कार्य के लिए जाना जाता है, लैब का लाभ शिक्षकों एवं छात्रों के साथ ही समाज को भी होगा- कुलपति।

लैबों एवं स्टूडियो में प्रत्येक विषय के अच्छे शिक्षकों के व्याख्यान रिकॉर्ड होंगे, जिसे छात्रों को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा- कुलसचिव।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में बन रहे 4 तरह के लेबों एवं स्टूडियो का भौतिक निरीक्षण किया।इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने शोध कार्य हेतु जाना जाता है। शोध का लाभ शिक्षकों तथा छात्रों के साथ ही समाज को भी मिलता है।

उन्होंने कहा कि ऑडियो, वीडियो एवं शोध कार्य हेतु लैब बनाने की हमारी बड़ी योजना है, जिसका लाभ सभी संकायों के छात्रों, शिक्षकों के साथ ही शोधार्थियों को भी मिलेगा। इस अवसर पर कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद, विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा के निदेशक प्रो अशोक कुमार मेहता, आइक्यूएसी के निदेशक डा जिया हैदर, डा अवनि रंजन सिंह तथा आईटी सेल के कर्मी गणेश पासवान व एस टी हसन आदि उपस्थित थे।

कुलसचिव प्रो मुश्ताक अहमद ने कहा कि बिहार में मिथिला विश्वविद्यालय पहला है जो इस तरह का लैब एवं स्टूडियो बना रहा है। इसमें प्रत्येक विषय के अच्छे शिक्षकों के व्याख्यान व्याख्यान रिकॉर्ड किया जाएगा, जिसे विश्वविद्यालय के सभी छात्रों को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कुलपति महोदय की योजना है कि अन्य क्षेत्रों के साथ ही शोध के क्षेत्र में भी मिथिला राज्य का अग्रणी विश्वविद्यालय बने। इनके निर्माण से सभी विषयों के शोध कार्य हेतु पर्यवेक्षकों एवं शोधार्थियों की जरूरतें पूरा होंगी।

कुलसचिव ने बताया कि निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। उक्त लैब एवं स्टूडियो का 2 माह में उद्घाटन किया जाएगा। जब यह लैब तैयार हो जाएगा, तब तकनीकी रूप से भी मिथिला विश्वविद्यालय बिहार का अग्रणी विश्वविद्यालय होगा।