-प्रो. झा ने कहा- भविष्य में प्रकाश की सहयता से पानी के निचे स्थित वस्तु की मिलेगी जानकारी
-प्राकृतिक रूप से नहीं उपलब्ध वस्तु का भी किया जा सकता है निर्माण : प्रो. रविंद कुमार सिन्हा

#MNN@24X7 दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फेंस का हुआ समापन

क्वांटम कंप्यूटर का निर्माण और क्वांटम संवाद करने के लिए स्थायी सिंगल फोटॉन की खोज रूम तापमान के बराबर करने की बहुत आवश्यकता है। साथ ही स्थायी सिंगल फोटॉन को एक-से-दूसरे जगह भेजने की भी क्षमता हो।भविष्य में क्वांटम संवाद करने के लिए सिंगल फोटॉन की बहुत आवश्यकता होगी।

उक्त बाते बुधवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के विश्वविद्यालय भौतिकी विभाग की ओर से “रिसेंट एडवांस इन नैनोसाइंस, नैनोटेक्नोलॉजी एंड एडवांस फक्शनल मैटिरियल्स” (आरएएनएनएएफएम-2023) विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन पहले तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए भुवनेश्वर आईआईटी के प्रो. राजन झा ने कही।प्रो. झा ने कहा कि भविष्य में प्रकाश की सहायता से पानी के नीचे स्थित वस्तु की जानकारी मिलेगी। साथ ही प्रकाश की मदद से अंतरिक्ष में माइक्रो ग्रेविटी का भी पता लगाया जा सकता है, इससे देश की आंतरिक सुरक्षा मजबूत होगी।

दूसरे तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए नोएडा गौतम बुद्धा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविंद कुमार सिन्हा ने कहा कि नैनो तकनीक की मदद से प्राकृतिक रूप से नहीं उपलब्ध वस्तु का भी निर्माण किया जा सकता है, लेकिन उसका स्वभाव बहुत अलग होता है। मानव निर्मित वस्तु में अदृश्य होने की क्षमता होती है। आने वाले समय में विभिन्न विषयों में कारगर साबित होगा।

साथ ही तकनीकी सत्रों को बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो. ललन झा, पटना आईआईटी के डॉ. मनोरंजन कर, दक्षिण कोरिया के प्रो. नागेंद्र कुमार कौशिक और यूएसए के प्रो. डॉ. पवन कुमार कनौजिया ने भी संबोधित किया। विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता एमएलएसएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. शंभु कुमार यादव, प्रो. महेश चंद्र मिश्रा, प्रो. नौशाद आलम द्वारा किया गया। दूसरे सत्र में काफी संख्या में प्रतिभागियों ने मौखिकी एवं पोस्टर के द्वारा कॉन्फेंस से संबंधित विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया।

समापन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. शिशिर कुमार वर्मा ने की। प्रो. वर्मा ने अपनी अध्यक्षीय संबोधन में कॉन्फ्रेंस में शामिल सभी प्रतिभागियों एवं विश्वविद्यालय भौतिकी विभाग के सभी सदस्यों का उत्साहवर्धन करते हुए इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के सफलता पूर्वक संचालन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रो. वर्मा ने कॉन्फ्रेंस में शामिल प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया।

आगत अतिथियों का स्वागत विश्वविद्यालय भौतिकी विभागाध्यक्ष सह अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार सिंह ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन विभागीय शिक्षक डॉ. दीपक कुमार ने किया। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विभागीय शिक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार, पूजा अग्रवाल, डॉ. अनिरुद्ध कुमार, अन्य महाविद्यलायों के वरीय शिक्षक, देश-विदेश से ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से सैकड़ों रिसर्च स्कॉलर्स और प्रतिभागी शामिल थे।