#MNN@24X7 आयुर्वेदिक कॉलेज के 47 वां स्थापना दिवस पर चिकित्सा के क्षेत्र में ज्योतिष की भूमिका पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान द्वारा 47 वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि स्थापना दिवस के अवसर पर चिकित्सा के क्षेत्र में ज्योतिष की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न प्रांतों से आयुर्वेद एवं ज्योतिष के विद्वानों ने भाग लिया‌।

कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ शशिनाथ झा, कुलपति कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, कामेश्वर नगर, दरभंगा, डॉ रामचंद्र झा सेवानिवृत्त, ज्योतिष विभागाध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति एवं प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद के द्वारा दीप प्रज्वलन एवं धनवंतरी वंदना करके किया गया। प्राचार्य द्वारा अध्यक्षीय उद्बोधन दिया गया।

इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति डॉ शशि नाथ झा डॉ कहा कि आयुर्वेद एवं ज्योतिष में गहरा संबंध है। ज्योतिष का आयुर्वेद चिकित्सा में उपयोगिता पग-पग पर है।। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि इस विश्वविद्यालय से संबंधित होकर प्रारंभ हुआ राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर, दरभंगा आज सरकारी संस्थान के रूप में कार्यरत है।

डॉ रामचंद्र झा ने यह कहा की आयुर्वेद चिकित्सा में पूर्ण रूप से सफलता प्राप्त करने हेतु हर एक चिकित्सक को ज्योतिष विद्या की जानकारी भी होनी चाहिए। डॉ सिद्धार्थ शंकर सिंह उपकुलपति, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय,दरभंगा ने कहा ग्रहों का प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। राष्ट्रीय संगोष्ठी में चिकित्सा के क्षेत्र में ज्योतिष की भूमिका विषय की सराहना करते हुए उन्होंने कहा की आज के वर्तमान परिपेक्ष में ज्योतिष के माध्यम से स्वास्थ्य संरक्षण भी किया जा सकता है।

इस बात की जानकारी आम जनों के बीच में जाएगी। डॉ के सिवा रामा प्रसाद प्रिंसिपल, ग्लोबल कॉलेज ऑफ आयुर्वेदिक मेडिकल साइंस, ग्लोकल यूनिवर्सिटी, सहारनपुर ने इस संगोष्ठी में चंद्रमा का मन पर प्रभाव विषय पर विशेष जानकारी दी। श्री विश्वनाथ प्रसाद ने हमारे शरीर के धातुओं के साथ ग्रहों के संबंध के बारे में बताया गया। इस सेमिनार में राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, दरभंगा राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, पटना, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, बेगूसराय, हितेश्वर आयुर्वेदिक कॉलेज, मुजफ्फरपुर के चिकित्सकों एवं छात्रों ने भाग लिया।

जुपिटर कॉलेज नागपुर के प्रचार प्रोफ़ेसर सुभाष डी वाघे ने ऑनलाइन प्रेजेंटेशन रत्नों का ग्रहों से संबंध विषय पर दिया। डॉ लाल कौशल नौ ग्रहों का रोग से संबंध विषय पर अपने विचार रखा। प्रथम वैज्ञानिक सत्र मे चेयरमैन डॉ सिद्धार्थ शंकर सिंह, को- चेयरमैन प्रो.सी.बी सिंह एवं रिपोर्टईयर डॉ मुकेश कुमार तथा द्वितीय वैज्ञानिक सत्र में चेयरमैन डॉ राजेश्वर दुबे, को चेयर पर्सन डॉ शंभू शरण ,रिपोर्टर डॉ विजेंद्र कुमार ने किया।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ मनीष कुमार आलोक ने किया।

समापन सत्र में, ज्योतिष विषय को आयुर्वेद स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में सम्मिलित किए जाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ ही ज्योतिष शास्त्र में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजी डिप्लोमा इन मेडिकल एस्ट्रोलॉजी) प्रारंभ करने का सरकार से आग्रह करने का निर्णय लिया गया।
समापन समारोह कॉलेज परिसर में संध्या 5:00 से 6:30 तक आयोजन किया गया समापन समारोह में कार्यक्रम की सफलता एवं उसके सारांश को प्रस्तुत किया गया साथ ही साथ मुख्य रूप से काम करने वाले सभी समितियों के सदस्यों को सर्टिफिकेट मोमेंटो एवं पाग से सम्मानित किया गया।