•सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिड रिस्पांस टीम का किया गया है गठन।

#MNN@24X7 मधुबनी, बच्चों को कुपोषण से मुक्त बनाने तथा रक्त की कमी की समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का का आयोजन 15 मार्च को किया गया. इस दौरान रहिका प्रखंड के अंतर्गत सौराठ स्थित मध्य विद्यालय में कृमि की दवा खाने के बाद कुछ बच्चों की तबीयत खराब होने की जानकारी प्राप्त हुई प्रभावित बच्चों को रैपिड रिस्पांस टीम के द्वारा रहिका पीएचसी पर देखभाल की गई तथा दो बच्चों को छोड़कर सभी बच्चों में दवा का सामान्य लक्षण ही पाया गया जिन्हे सामान्य उपचार के बाद छोड़ दिया गया जिन दो बच्चों को सदर अस्पताल भेजा गया उनमें एक बच्चा स्वस्थ होकर घर लौट गया दूसरे बच्चे को दरभंगा भेजा गया वह बच्चा भी पूरी तरह से स्वस्थ है.

इस संदर्भ में सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसारिया ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम बताया कृमि की दवा खाने के बाद कुछ बच्चों में उल्टी, सर दर्द, पेट दर्द आदि होना स्वाभाविक है इसमें घबराने की जरूरत नहीं है उन्होंने बताया ऐसी घटना वैसे बच्चों के साथ होती है जिस बच्चों में कृमि का विशेष प्रकोप होता है या बच्चा कुपोषण या अन्य किसी बीमारी से ग्रसित होता है वैसे बच्चों में इस तरह का लक्षण पाए जाने की संभावना अधिक होती है और यह कृमि के मरने का एक शुभ संकेत है. इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है कुछ देर के बाद बच्चा स्वतः ठीक हो जाता है यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है.

उन्होंने बताया ऐसी स्थिति होने पर बच्चों को हवादार जगह पर लिटा देना चाहिए,पानी पर्याप्त मात्रा में पिलाना है थोड़ी देर में वह ठीक हो जाता है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एस के विश्वकर्मा ने बताया भारत सरकार की एनीमिया मुक्त कार्यक्रम में यह एक महत्वपूर्ण कार्य है. कृमि के कारण बच्चों का स्वास्थ्य खराब होता है एनीमिया के कारण विद्यालय में बच्चों का ड्रॉप आउट होता है थकान और कमजोरी होता है इस प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती है. इसलिए उन्होंने आमजानो से अपील किया कि अपने बच्चों को जरूर दवा खिलाएं यह पूरी तरह से सुरक्षित है.

सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिड रिस्पांस टीम का किया गया है गठन :

सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसारिया ने बताया सभी स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है दवा के सेवन को उपरांत किसी भी समस्या के त्वरित निवारण के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीम का गठित किया गया है. अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सजग है. उन्होंने सभी आम लोगों से अपील किया गया कि निर्भीकता से 19 मार्च को मॉप अप राउंड के दौरान छूटे हुए बच्चों को दवा जरूर खिलाएं.

दवा का सेवन कराते समय बरतनी होगी यह सावधानी:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एस.के विश्वकर्मा ने बताया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दौरान बच्चों को दवा खिलाते समय कुछ सावधानी भी बरतनी होगी। जैसे कि अगर किसी बच्चों की कोई गंभीर बीमारी का इलाज चल रहा और वह नियमित रूप से दवा खा रहा, कोई भी बच्चा सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ से बीमार है तो, उसे यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली को चूरा बनाकर पानी के साथ, 2 से 3 साल तक के बच्चों को एक पूरा गोली का चूरा बनाकर पानी के साथ तथा 3 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली चबाकर खिलायी जानी है। दवा खिलाते समय यह ध्यान रखा जाये कि बच्चे दवा को चबाकर खाएं।