मनुष्य के अविवेकपूर्ण व्यवहार के कारण बढ़ता प्रदूषण- प्रति कुलपति।

#MNN@24X7 पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया के विज्ञान संकाय के तत्वावधान में 28 फरवरी को विज्ञान दिवस के अवसर पर ‘इनभारमेंट एण्ड क्लाइमेट चेंजह’ विषय पर संगोष्ठी सीनेट हॉल में आयोजित की गई। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रति कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार झा ने की। विशिष्ट अतिथि संकायाध्यक्ष प्रोफेसर मरगूब आलम, प्रोफेसर जे.एल.राय, प्रोफेसर बीएन झा,कुलसचिव डॉ घनश्याम राय उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कुल गीत का गायन स्नातकोत्तर विभाग की छात्र छात्राओं क्रमशः हरेकृष्ण, प्रीति,अंशु मनाली,विपुल, मिट्ठु, सौरभ,भावना, साहिबा प्रवीण, शांति के द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ नवनीत कुमार, सहायक प्राध्यापक, स्नातकोत्तर गणित विभाग ने किया। स्वागत भाषण गणित विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ए.के.मिश्रा ने की। डॉ अशोक कुमार चौधरी, विभागाध्यक्ष, स्नातकोत्तर जूलोजी विभाग और डॉ ए.खान, विभागाध्यक्ष, रसायन शास्त्र विभाग, पूर्णिया कॉलेज, पूर्णिया ने विस्तार से पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर प्रकाश डाला।

अध्यक्षीय भाषण करते हुए प्रति कुलपति ने कहा कि दार्जिलिंग शहर प्रदूषित हो रहा है। इसका मुख्य कारण लोगों की अविवेकपूर्ण गलत आदतें को बताया। प्रोफेसर मरगूब आलम, ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को लेकर जितने सेमिनार और क्रांफ्रेसेज आयोजित किए जाते हैं, उसमें जो निर्णय लिए जाते हैं उसका ईमानदारी पूर्वक कार्यान्वयन नहीं होता है। प्रोफेसर जे.एल.राय, संकायाध्यक्ष, वाणिज्य विभाग ने कहा कि जब समाज का दृष्टिकोण हर पहलू में वैज्ञानिक हो जाएगा, विकास और समृद्धि परिणाम के रूप में स्वतः ही इसका अनुसरण करेंगे। प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार राकेश,सहायक प्राध्यापक, जंतु विज्ञान विभाग, पूर्णिया कॉलेज, पूर्णिया ने कहा कि ‘सांइस’ शब्द में सात अक्षर होते हैं।

उन्होंने सभी सात अक्षरों का विस्तार से सार्थक अर्थ बतलाया। छात्र दीपेश कुमार, जंतु विज्ञान ने रमण इफेक्ट के बारे में विस्तार से चर्चा की। प्रोफेसर प्रकाश रंजन डीन, सहायक प्राध्यापक, स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग ने विस्तार से रमण प्रभाव के बारे में बतलाया।

डॉ घनश्याम राय, कुलसचिव ने कहा कि नेशनल सांइस डे 2023 का थीम, ‘वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान’, है। उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमण द्वारा ‘रमन इफेक्ट’ के आविष्कार की याद में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। डॉ राय ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘राष्ट्रीय विज्ञान लोक-प्रचार पुरस्कार’ दिया जाता है। मनुष्य हमेशा से ही एक जिज्ञासा प्राणी रहा है और इसी जिज्ञासा को विज्ञान की जननी माना जाता है।

इस अवसर पर डॉ एस एन सुमन, डॉ बी.एल.विस्वास, डॉ ए.के.झा,डॉ सी.के.यादव, डॉ अभिषेक आनंद, डॉ मनीष कुमार सिंह,प्रो. मनमोहन कृष्ण,प्रो.मायाकृति, प्रो.प्रीति राय, डॉ प्रेरणिका वर्मा, प्रो.सुनील कुमार, शिक्षकेत्तर कर्मचारी शियाशरण मंडल,कुंदन कुमार राउत,शयामल किशोर ठाकुर, अमरनाथ मंडल, मो.शहजादा,राजेश कुमार, संतोष कुमार यादव, शंभु मुखिया, मो.तहसीन आलम, राज कुमार, राम कुमार, मो.इलियास, अनीस कुमार अमन, मनमोहन कुमार,छात्र एवं छात्राएं मौजूद रहें। धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर किसलए किशोर,सहायक प्राध्यापक, स्नातकोत्तर गणित विभाग ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।