#MNN@24X7 सऊदी अरब में रहने वाले बिहार के लोगो का संगठन “बिहार अंजुमन” का सातवां वार्षिक सम्मेलन राजधानी रियाद में आयोजित की गयी।जिसमे सऊदी अरब में रहने वाले बिहार के 1000 से अधिक लोगो ने भाग लिया तथा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा किया।

बिहार अंजुमन के अध्यक्ष डाo अब्दुल फराह ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि बिहार अंजुमन का मकसद सऊदी अरब में रहने वाले बिहार वासियों को एकजुट रखना एवं गरीब व जरुरतमंदो के कल्याण व उत्थान के लिए कार्य करना है। समारोह के मुख्य अतिथि व बिहार विधानसभा के उप मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

उन्होंने बिहार अंजुमन के कार्यो की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि बिहार अंजुमन का कार्य सराहनीय, स्वागतयोग्य तथा अनुकरणीय है। बिहार अंजुमन बाल कल्याण, श्रम कल्याण, भिक्षुक कल्याण, महिला कल्याण, वृद्धावस्था कल्याण, छात्र कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, रोगियों का कल्याण,विकलांग व्यक्तियों का कल्याण तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का कल्याण का कार्य लगातार कर रही है। मानव होने के नाते जब तक हम एक-दूसरे के दुःख-दर्द में साथ नहीं निभाएँगे तब तक इस जीवन की सार्थकता सिद्ध नहीं होगी। वैसे तो हमारा परिवार भी समाज की ही एक इकाई है, किन्तु इतने तक ही सीमित रहने से सामाजिकता का उद्देश्य पूरा नहीं होता। हमारे जीवन का अर्थ तभी पूरा होगा जब हम समाज को ही परिवार माने।

उन्होंने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को हम जितना अधिक से अधिक विस्तार देंगे, उतनी ही समाज में सुख-शांति और समृद्धि फैलेगी। मानव होने के नाते एक-दूसरे के काम आना भी हमारा प्रथम कर्तव्य है। हमें अपने सुख के साथ-साथ दुसरे के सुख का भी ध्यान रखना चाहिए। अगर हम सहनशीलता, संयम, धैर्य, सहानुभूति, और प्रेम को आत्मसात करना चाहें तो इसके लिए हमें संकीर्ण मनोवृत्तियों को छोड़ना होगा। धन, संपत्ति और वैभव का सदुपयोग तभी है जब उसके साथ-साथ दूसरे भी इसका लाभ उठा सकें।

उन्होंने आगे कहा कि जब तक सेवाभाव को जीवन में पर्याप्त स्थान नहीं दिया जाएगा। तब तक आत्मोन्नति का मार्ग प्रशस्त नहीं हो सकता। भारतीय संस्कृति में सदैव मानव कल्याण पर जोर दिया गया है। परोपकार की भावना ही सबसे बड़ी मनुष्यता है। संसार का हर धर्म दया और परोपकार को सर्वोच्च मानता है। प्रकृति भी हमें दूसरों की भलाई की शिक्षा देती है तथा नेक कार्य करने वाले को दुनिया सदैव याद करती है। बिहार अंजुमन मानवता, सेवा भाव, समरसता तथा जन कल्याण की पर्याय है।