#MNN@24X7 दरभंगा कृषि विज्ञान केंद्र, जाले, दरभंगा के परिसर में ग्रामीण युवक एवं युवतियों के लिए पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन मंगलवार को किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मत्स्य वैज्ञानिक डॉ जगपाल ने किया। इस कार्यक्रम का मूल्य उद्देश्य ग्रामीण स्तर मत्स्य बीज उत्पादन करके स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। उन्होंने प्रशिक्षकों को बताया किसान प्रशिक्षण प्राप्त कर वैज्ञानिक विधि द्वारा मछली का जीरा उत्पादन कर के मत्स्य किसानों को विक्रय कर सकते हैं और अपने लिए तथा अपने परिवार के लिए एक रोजगार का जरिया बना सकते हैं साथ ही जिले के मत्स्य कृषक बंधु मत्स्य बीज के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर होते हैं उससे उन्हें छुटकारा मिल जाएगा।

इस प्रशिक्षण में दरभंगा जिले के विभिन्न प्रखंडों लोगों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि सभी प्रशिक्षुओं को वैज्ञानिक तरीके से मत्स्य बीज उत्पादन प्रेरित प्रजनन के बारे में बताया गया साथ ही नर और मादा मछली के ब्रूडर को पहचान करके उनमें हार्मोन का इंजेक्शन देना हार्मोन देने के बाद मछलियों के निषेचित किए हुए अंडों को एकत्रित करना तथा उनको हैचिंग पूल में रखना अंडों से जीरा तैयार करना सिखाया गया साथ ही हैर्चरी में तैयार हुए जीरा को नर्सरी तालाब में रखरखाव उसका आहार प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई कार्यक्रम के चौथे दिन जाले प्रखंड के मत्स्य प्रसार पदाधिकारी दीपक कुमार ने राज्य सरकार व केंद्र सरकार की तरफ से चल रही विभिन्न योजनाओं के बारे में प्रशिक्षकों को अवगत कराया तथा उन योजनाओं को लाभ उठाने के लिए विभिन्न अहर्ता तथा जरूरी कागजात के बारे में चर्चा किया।

कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र वितरण के साथ किया गया समापन के दौरान जाले कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ गौतम कुणाल, डॉक्टर अंजली सुधाकर, श्रीमती पूजा कुमारी, प्रक्षेत्र प्रबंधक डॉ चंदनथे, सहायक संजीव कुमार एवं अन्य सहकर्मी मौजूद थे।