1 एवं 2 अक्टूबर, 2023 को आयोजित पंचम प्रांतीय अधिवेशन में राष्ट्रीय एवं प्रांतीय कवियों का हुआ समागम।

राष्ट्रीय कवि संगम का नवादा प्रांतीय अधिवेशन का आयोजन कई दृष्टियों से ऐतिहासिक- ललित कुमार झा।

#MNN@24X7 बिहार राज्य के नवादा जिला के टाउन हॉल में गत 1 एवं 2 अक्टूबर, 2023 को राष्ट्रीय कवि संगम, नई दिल्ली का बिहार प्रांतीय अधिवेशन सह अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने किया।

वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में चर्चित वरीय आईपीएस विकास वैभव उपस्थित हुए, जबकि कवि संगम के प्रांतीय अध्यक्ष प्रभाकर कुमार राय की भी सहभागिता हुई। सम्मेलन में उत्तर प्रदेश से वीर रस के कवि अर्जुन सिसोदिया, मध्य प्रदेश से श्रृंगार रस की कवयित्री माणिका दुबे, राष्ट्रीय स्तर के व्यंग्य कवि जानी बैरागी एवं वाराणसी की कवयित्री प्रियंका ओम नंदिनी, मधुबनी से प्रसिद्ध हास्य रस के राष्ट्रीय कवि शंभू शिखर सहित 120 से अधिक कवियों ने स्वरचित कविता पाठ किया, जिसमें बिहार के लगभग सभी जिलों के कवि शामिल हुए।

दरभंगा से हास्य, श्रृंगार एवं व्यंग कवि ललित कुमार झा के नेतृत्व में 10 सदस्य कवियों की टीम ने उक्त सम्मेलन में शिरकत की। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय कवि संगम के दरभंगा जिला इकाई के अध्यक्ष ललित कुमार झा को स्मृतिचिह्न एवं अन्य उपहारों से सम्मानित किया गया।

इस सम्मान के लिए उन्हें बधाई देने वालों में अधिवक्ता अजीत कुमार मिश्रा, प्राध्यापक डा घनश्याम महतो एवं डा आर एन चौरसिया, शिक्षक एवं कवि अनुराग कुमार, शिक्षिका डा अंजू कुमारी, राधा झा एवं सुनीति कुमारी, रंजीत कुमार, मंजू अकेला, योगेन्द्र पासवान, अखलाकुर रहमान, राष्ट्रीय कवि संगम के मधुबनी जिलाध्यक्ष राजकुमार भारती तथा केवीएस कॉलेज, उच्चैठ के पूर्व प्रधानाचार्य डा शुभ कुमार वर्णवाल सहित अनेक साहित्यकार एवं कवियों के नाम शामिल हैं।

ज्ञातव्य है कि ललित झा को प्रेमचंद स्मृति सम्मान, दिनकर सम्मान, मिथिला रत्न सम्मान, जुब्बा साहनी स्मृति सम्मान, श्रीराम वनगमन यात्रा सम्मान सहित अन्य अनेक सम्मान मिल चुके हैं। ललित कुमार झा ने नवादा कार्यक्रम के आयोजकों एवं बधाई देने वालों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि राष्ट्रीय कवि संगम का नवादा प्रांतीय अधिवेशन सह अखिल भारतीय कवि सम्मेलन कई दृष्टियों से ऐतिहासिक आयोजन रहा।

उक्त सम्मान पाकर मेरी जिम्मेवारी एवं कर्तव्यनिष्ठा और अधिक बढ़ गई है। मैंने अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में मिथिला का दमदार प्रतिनिधित्व करते हुए मैथिली में स्वरचित कविता “नइ नीक लगाये नहि चैन भेंटइया अरे रेरे की कहू अहा के …” का पाठ किया जो श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

उन्होंने कहा कि आयोजकों द्वारा सभी कवियों को नालंदा महाविहार तथा पावापुरी आदि का भ्रमण भी कराया गया। वहीं ह्वासान म्यूजियम ने हमलोगों को विशेष रूप से आकर्षित किया।