#MNN@24X7 प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि नेताओं और दलों के साथ में बैठकर चाय पीने से और प्रेस वार्ता करने से विपक्षी एकता अगर होनी होती तो आज से 10 साल में यह काम हो गया होता। नेताओं के आपस में मिलने से विपक्षी एकता नहीं हो सकती। नीतीश कुमार जो कर रहे हैं इसका कोई मतलब नहीं बनता है। नीतीश कुमार जो विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं वो बिहार में पहले सीटों का ही फार्मूला जारी कर दे कि बिहार में जदयू, कांग्रेस, आरजेडी और उनके अन्य जो सहयोगी दल हैं वो कितने सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि क्या नीतीश कुमार अपनी सीट छोड़कर CPI(ML) को देंगे? CPI(ML) की जीत का औसत नीतीश कुमार से ज्यादा रहा है। नीतीश कुमार की पार्टी 110 सीटों पर लड़ कर 42 सीट पर जीती हैं, CPI(ML) 17 सीटों से लड़कर 12 एमएलए जीती हैं। इस हिसाब से उनको ज्यादा सीट मिलनी चाहिए, तो नीतीश कुमार अपनी सीट छोड़ देंगे? जिसके अपने घर का ठिकाना है नहीं! वह आदमी पूरे दुनिया में घूमेगा तो वो न घर का होगा ना बाहर का बचेगा।