#MNN@24X7 बनियापुर, सारण 18 मार्च, जन सुराज पदयात्रा के 168वें दिन की शुरुआत सिवान के बनियापुर प्रखंड अंतर्गत लौंवा कला पंचायत स्थित पदयात्रा शिवर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। उसके बाद प्रशांत किशोर ने जिले के पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद किया। हजारों की संख्या में आए जनप्रतिनिधियों से संवाद के दौरान उन्होंने अपने पदयात्रा का अनुभव साझा किया।

जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से प्रशांत किशोर 2 अक्तूबर 2022 से लगातार बिहार के गांवों का दौरा कर रहे हैं। उनकी पदयात्रा अबतक 1900 किमी से अधिक की दूरी तय कर चुकी है। पश्चिम चंपारण से शुरू हुई पदयात्रा शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान होते हुए पिछले 06 दिनों से सारण जिले में है।

सारण में पदयात्रा अभी 15 से 20 दिन और चलेगी और इस दौरान अलग-अलग गांवों और प्रखंडों से गुजरेगी। पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर लोगों की समस्यायों को सुनते हैं और उसका संकलन करते हैं। साथ ही वे समाज के सभी सही लोगों को एक मंच पर आकर विकसित बिहार बनाने के लिए एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने का भी आह्वान करते हैं।

40-50 सालों से बिहार जिस रास्ते पर चल रहा है उससे बिहार का विकास संभव नहीं, बिहार के लोगों को मिलकर नया विकल्प बनना होगा: प्रशांत किशोर

जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े जनप्रतिनियों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि बिहार आज देश का सबसे ज्यादा गरीब, पिछड़ा, आशिक्षत और सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाला राज्य है। अगर हम ये मान लेते हैं कि कॉंग्रेस ने अपने कार्यकाल में कुछ काम किया होगा, लालू जी ने भी अपने राज में सामाजिक न्याय का काम किया होगा जैसा लालू जी दावा करते हैं कि उन्होंने गरीबों और वंचितों को आवाज दी है, मान लेते हैं नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार ने भी कुछ विकास कर दिया है। अगर इन सब बातों को मान लेते हैं कि ये सब बात ठीक है, लेकिन इस बात को भी माना जाना चाहिए कि बिहार आज भी सबसे गरीब और सबसे पिछड़ा राज्य है। कोई भी आम आदमी इस बात को बता सकता है कि पिछले 40-50 सालों से बिहार जिस रास्ते पर चल रहा है उससे बिहार को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। यदि बिहार को आगे बढ़ाना है, बिहार का विकास करना है तो उसके लिए जरूरी है कोई दूसरा रास्ता बनाया जाए। जन सुराज अभियान के माध्यम से बिहार के सभी सही लोगों को एक मंच पर लाकर बिहार में एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

बिहार में पिछले 30 सालों में समाजवाद की राजनीति हुई है, फिर भी देश में सबसे ज़्यादा भूमिहीन बिहार में: प्रशांत किशोर।

जन सुराज पदयात्रा कैंप में आए जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में पिछले 30-40 सालों से समाजवाद और सामाजिक न्याय की राजनीति हो रही है। लेकिन आज भी देश में सबसे ज्यादा भूमिहीन लोग बिहार में ही हैं। बिहार में 100 में से 60 आदमी के पास बिल्कुल भी जमीन नहीं है, बाकी 40 में से 35 आदमी ऐसे हैं जिनके पास 2 बीघा से कम जमीन है। इस हिसाब से बिहार में 100 में से 95 लोग पेट भरने के लिए खेती करते हैं, कमाने वाली खेती नहीं करते। खेत में वही उगा रहे हैं जो वो पूरे साल खाने में उपयोग कर सकते हैं। बिहार में केवल 100 में से 5 आदमी ऐसा है जो कमाने वाली खेती कर रहा है। समाजवाद की राजनीति दिखाने के लिए हो रही है उसका बिहार के विकास में आज कोई अंश नहीं दिखाई देता।

लालू जी जाति की राजनीति नही कर रहे हैं, वो परिवार की राजनीति कर रहे है: प्रशांत किशोर।

प्रशांत किशोर ने लालू यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार में लोग कहते हैं कि नेता हमको ठगते हैं और यहां नेता जाति की राजनीती कर रहे हैं। आप सब जनप्रीतिनिधि हैं और आप भी यही मनाते हैं कि सब नेता जाति की राजनीति करते हैं। लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि बिहार में कोई भी नेता जाति कि राजनीति नहीं करता है। जब मैं ये बात कहता हूँ तो लोग मुझ से कहते है की लालू जी को दिखिए वो तो जाति की राजनीति करते हुए MY समीकरण बनाया है। इस बात का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू जी जाति की राजनीति नहीं कर रहे हैं। अगर लालू जी जात का राजनीति करते तो ये कहते कि यादव समाज का कोई काबिल लड़का बिहार का मुख्यमंत्री होगा और सब यादव समाज को लालटेन पर वोट देकर इसको जीताना है। लेकिन लालू जी ये नहीं कह रहे है, वो कह रहे हैं कि हमारा लड़का बिहार का मुख्यमंत्री बनेगा और जब यादव समाज उसको वोट दीजिए। फिर ये जाति की राजनीति कहां से हुई, ये तो परिवार की राजनीति है, ये स्वार्थ की और अपने बेटे की राजनीति है।