● जे•पी• के राजनीतिक विचारों की समकालीन प्रासंगिकता विषय पर कौटिल्य कक्ष में जुटेंगे दिग्गज विद्वान।*

● ऑनलाइन/ऑफलाइन दोनों मोड में छात्र-शोधार्थी व शिक्षक हो सकते हैं शामिल।

● उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय कुलपति महोदय के साथ-साथ विषय विशेषज्ञ देंगे व्याख्यान जबकि तकनीकी सत्र में शिक्षक, शोधार्थी व छात्र-छात्रा करेंगे पेपर प्रजेंटेशन।

#MNN@24X7 लनामिवि दरभंगा:- विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग में आगामी 11 अक्टूबर 2022 को लोकनायक जय प्रकाश नारायण साहब के 121 वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन विभाग के कौटिल्य कक्ष में सुबह के 11 बजे से होने जा रहा है। उद्घाटन सत्र में सबसे पहले मुख्य अतिथि के रूप में माननीय कुलपति महोदय प्रो० सुरेंद्र प्रताप सिंह का व्याख्यान होगा तत्पश्चात विषय विशेषज्ञ देंगे व्याख्यान जबकि तकनीकी सत्र में शिक्षक, शोधार्थी व छात्र-छात्रा करेंगे पेपर प्रजेंटेशन।

इस बाबत राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० जितेंद्र नारायण ने कहा कि हर साल की भांति इस साल भी विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग “जे•पी• के राजनीतिक विचारों की समकालीन प्रासंगिकता” विषय पर ऐतिहासिक राष्ट्रीय संगोष्ठी का गवाह बनने जा रहा है। जे•पी• सिर्फ एक व्यक्ति नहीं है बल्कि संपूर्ण क्रांति, राजनीतिक बदलाव, एक सिद्धांत व एक दर्शन का नाम है। जे•पी• का चर्चा किये बिना स्वतंत्र भारत के राजनीति की चर्चा करना बेमानी होगी। 1970 के कालखंड में राजनीति में जे•पी• साहब का उदय हुआ।

तत्कालीन इंदिरा सरकार के द्वारा देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई थी। जो जहां सरकार के विरुद्ध में आवाज उठाता था उसे जेल में डाल दिया जाता था। यहां तक कि प्रेस की स्वतंत्रता भी खत्म कर दी गयी थी। उस कालखंड में एक राजनीतिक मसीहा का उदय होता है जिसका नाम है जय प्रकाश नारायण। एकमात्र ऐसे साहसी नेता जय प्रकाश नारायण हुए जिन्होंने इंदिरा सरकार के आपातकाल व देश के निरंकुश सत्ता के प्रति बिगुल फूंक दिया था।

उन्होंने सरकार के विरुद्ध राजनीतिक, आर्थिक , सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक बदलाव के लिये संपूर्ण क्रांति का नारा दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि इंदिरा जी को उस समय तत्काल चुनाव में भारी हार का सामना करना पड़ा। यहां तक बरेली में स्वयं इंदिरा जी की करारी हार हुई और सत्ता परिवर्तन हुआ। आज भी आप देखते होंगे कि अधिकांश जगह जे•पी• के समाजवादी चेले ही सत्ता से लेकर विपक्ष की कुर्सी पर विराजमान हैं।

तो आईये इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में जे•पी• साहब के सिद्धांतों व विचारों पर 11 अक्टूबर को विस्तृत परिचर्चा करते हैं। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य आकर्षण के रूप में कई विद्वान शिरकत कर रहे हैं जो हैं:-

● मुख्य अतिथि:- प्रो० सुरेंद्र प्रताप सिंह (माननीय कुलपति महोदय, लनामिवि दरभंगा)

● विशिष्ट विद्वान:- प्रो० विष्णु चौधरी (पूर्व विभागाध्यक्ष सह सेवानिवृत्त प्राचार्य, बरहामपुर विश्वविद्यालय, ओडिसा)

● विशिष्ट विद्वान:- प्रो० मनोज दीक्षित (पूर्व कुलपति, डॉ० राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या)

● विशिष्ट विद्वान:- प्रो० सरोज वर्मा (पूर्व विभागाध्यक्ष सह सेवानिवृत्त प्राचार्य, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा)

● विशिष्ट विद्वान:- प्रो० मिहिर भोले (राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद)

● विशिष्ट विद्वान:- प्रो० आर० के० वर्मा (सचिव, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, पटना)

संचालन समिति के अध्यक्ष राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो० जितेंद्र नारायण, सचिव प्रो० मुनेश्वर यादव, संयुक्त सचिव श्रीमती नीतू कुमारी, कोषाध्यक्ष श्री रघुवीर कुमार रंजन व संयोजक डॉ० मुकुल बिहारी वर्मा हैं। छात्र-छात्रा व शोधार्थी किसी भी प्रकार की समस्या होने पर संचालन समिति से संपर्क कर सकते हैं।